जानें, बर्ड फ्लू के दौरान चिकन और अंडे खाने के बारे में क्या कहता है FSSAI
देश में कोरोना का खतरा अभी पूरी तरह से खत्म भी नहीं हुआ है कि बर्ड फ्लू ने लोगों के मन में फिर से डर पैदा कर दिया।
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बर्ड फ्लू को मेडिकली एवियन इन्फ्लूएंजा कहा जाता है। यह एक संक्रामक बीमारी है। यह एक पक्षी से दूसरे पक्षियों, जानवरों या इंसानों तक फैल सकती है।
भारतीय खाद्य सुरक्षा व संरक्षा प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने देश में बर्ड फ्लू के मद्देनजर आज दिशा-निर्देश जारी किये हैं जिसमें कहा गया है कि यदि कुछ सावधानियां बरती जायें तो पॉल्ट्री मीट और अंडे खाने में संक्रमण का खतरा नहीं है।
एफएसएसएआई के दिशा-निर्देश में कहा गया है कि जिन इलाकों में बर्ड फ्लू फैला हुआ है वहां से पॉल्ट्री उत्पाद लाकर नहीं बेचा जाना चाहिए। साथ ही ग्राहकों को भी चाहिए कि ऐसे पॉल्ट्री उत्पाद न खरीदें।
इसके अलावा जिंदा पॉल्ट्री और कच्चे मांस को हैंडल करने वाले लोगों को भी हाथों में दस्ताने और चेहरे पर मास्क पहनने चाहिये तथा साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
उपभोक्ताओं को कहा गया है कि वे खरीदकर लाने के बाद मांस को धोते और पकाते समय सावधानी रखें। मांस को पानी का नल चलाकर उसके नीचे नहीं धोना चाहिए। इस दौरान हाथों में दस्ताने लगाने चाहिए।
एफएसएसएआई ने बताया कि पकाने के दौरान पूरी तरह से उबालने पर बर्ड फ्लू का वायरस अपने-आप मर जाता है, इसलिए पके हुये मांस से संक्रमण का खतरा नहीं रहता। पकाने के बाद मांस या अंडे को उसी बर्तन में न रखें जिसमें उन्हें पकाने से पहले रखा गया था।
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