कोरोनावायरस प्रकोप के कारण हुए देशव्यापी बंद के मद्देनजर दुकानों की अलमारियों से जरूरी वस्तुएं जिस तरह गायब हुईं हैं, उसने चौंकाने वाले आंकड़े सामने लाए हैं।
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सोमवार को एक सर्वेक्षण में पता चला है कि 31.4 प्रतिशत भारतीयों ने आश्चर्यजनक रूप से खुलासा किया कि उन्होंने पहले ही तीन सप्ताह से अधिक समय तक के लिए राशन और दवाइयां जमा कर ली हैं।
कोरोनोवायरस के प्रसार पर अंकुश लगाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 मार्च को ऐतिहासिक 21 दिनों का लॉकडाउन घोषित किया। इस घोषणा ने लोगों को चौंका दिया और उन्होंने आवश्यक वस्तुओं की बड़े पैमाने पर जमाखोरी कर ली।
आईएएनएस सी-वोटर गैलप इंटरनेशनल एसोसिएशन कोरोना ट्रैकर द्वारा किए गए सर्वेक्षण में पिछले एक सप्ताह के दौरान भारतीयों से एक सवाल पूछा गया। सवाल था कि, आपके घर में कितने दिनों का राशन या दवा या कितने दिनों के राशन या दवा के लिए पैसा उपलब्ध है?
सर्वेक्षण में पता चला कि 68.7 प्रतिशत लोगों ने तीन सप्ताह से कम समय के लिए किराने का सामान और दवाओं का स्टॉक किया, जबकि 31.4 प्रतिशत ने तीन सप्ताह से अधिक समय के लिए सामान जमा किया है।
इस सर्वे में आगे बताया गया है कि 12.2 प्रतिशत भारतीयों के पास एक सप्ताह से भी कम समय के लिए आवश्यक वस्तुएं हैं। वहीं 37.3 और 19.2 प्रतिशत लोगों के पास क्रमश: एक और दो सप्ताह के लिए आवश्यक सामान हैं।
जिन लोगों ने तीन सप्ताह और एक महीने के लिए सामान इकट्ठा किए हैं उनका प्रतिशत 6.2 और 15.6 है।
केवल 9.6 प्रतिशत भारतीयों ने एक महीने से अधिक का राशन और दवाइयां संग्रहित करके रखी हैं।
कोरोनोवायरस फैलने की आशंका बढ़ती जा रही है, ऐसे में लोग आवश्यक वस्तुओं का स्टॉक करने के लिए दहशत में दुकानों पर पहुंच रहे हैं, जिससे सोशल डिस्टेसिंग के पालन में व्यावधान हो रहा है। वहीं कुछ लोगों को सामान न मिलने पर खाली हाथ लौटना पड़ रहा है।
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