डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (डीआरसी - DRC) के कई हिस्सों में भारी बारिश और बाढ़ ने तबाही मचा दी है। देश की राजधानी किंशासा सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है, यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी।

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ताजा जानकारी के अनुसार, किंशासा के 11 स्वास्थ्य क्षेत्रों में नुकसान हुआ है। वहां 5,000 से ज़्यादा लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हो गए हैं। अब तक कम से कम 72 लोगों की जान जा चुकी है और 170 से अधिक लोग घायल हुए हैं। यह सब तेज बारिश और बाढ़ की वजह से हुआ।
देश के पूर्वी हिस्से में स्थित तांगान्यीका और साउथ किवू प्रांतों में भी भारी नुकसान हुआ है। वहां की स्थानीय सरकार जरूरतमंदों की मदद का पूरा आकलन करने में लगी हुई हैं।
किंशासा स्टेडियमों में आपातकालीन राहत केंद्र और आश्रय स्थलों की व्यवस्था की गई है। हालांकि, देश के सबसे बड़े खेल स्टेडियम 'स्टेड दे मार्त्यर' में पहले ही 4,500 से ज़्यादा लोग पहुंच चुके हैं। इसलिए सरकार अब लोगों को दूसरे स्थानों पर भेजने की योजना बना रही है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि वह स्वास्थ्य और राहत कार्यों के बीच बेहतर तालमेल बनाए रखने के लिए पूरी तरह से तैयार है, ताकि जरूरतमंदों को जल्दी और सही तरीके से मदद मिल सके।
आने वाले दिनों में और भारी बारिश होने की संभावना है, जिससे 1.7 करोड़ की आबादी वाले इस शहर में और ज़्यादा तबाही का डर है। यह शहर पहले से ही तेज और बिना योजना के फैलते शहरीकरण की वजह से मुश्किलों में है।
यह ध्यान देना जरूरी है कि डीआरसी में आमतौर पर बारिश का मौसम नवंबर से मई तक चलता है।
वहीं, 12 अप्रैल को संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने बेहद संवेदनशील आंकड़ा जारी किया था। अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी के मुताबिक ईस्टर्न डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (डीआरसी) में जारी संघर्ष ने बच्चों को काफी नुकसान पहुंचाया है। जनवरी और फरवरी महीने में ही हर 30 मिनट में एक बच्चे का रेप हुआ।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, यूनिसेफ ने बताया कि जनवरी और फरवरी में दुष्कर्म और यौन हिंसा के करीब 10,000 मामलों में से 35 से 45 प्रतिशत पीड़ित बच्चे थे। यूनिसेफ के प्रवक्ता जेम्स एल्डर ने जिनेवा में बताया कि इस साल जब डीआरसी के पूर्वी हिस्से में लड़ाई सबसे ज्यादा तेज थी, तब हर आधे घंटे में एक बच्चे का रेप हुआ।
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