2023 United Nations Military Gender Advocate of the Year Award : सच्ची नेता एवं आदर्श हैं मेजर राधिका सेन : गुटारेस

Last Updated 01 Jun 2024 12:00:09 PM IST

2023 United Nations Military Gender Advocate of the Year Award : संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुटारेस (UN Secretary-General Antonio Guterres) ने कांगो में संयुक्त राष्ट्र मिशन में सेवा दे चुकीं भारतीय महिला शांति रक्षक मेजर राधिका सेन (Radhika Sen) को ‘एक सच्ची नेता और आदर्श’ बताते हुए कहा कि उनकी सेवा समग्र रूप से संयुक्त राष्ट्र के लिए एक योगदान है।


भारतीय महिला शांति रक्षक मेजर राधिका सेन को संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुटारेस ने प्रतिष्ठित ‘2023 यूनाइटेड नेशंस मिलिट्री जेंडर एडवोकेट ऑफ द ईयर अवार्ड’ प्रदान किया।

कांगो गणराज्य में संयुक्त राष्ट्र संगठन स्थिरीकरण मिशन में सेवा दे चुकीं मेजर सेन को बृहस्पतिवार को अंतरराष्ट्रीय संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक दिवस के मौके पर यहां विश्व निकाय के मुख्यालय में गुटारेस ने प्रतिष्ठित ‘2023 यूनाइटेड नेशंस मिलिट्री जेंडर एडवोकेट ऑफ द ईयर अवार्ड’ (2023 United Nations Military Gender Advocate of the Year Award) प्रदान किया।

गुटारेस ने ‘डैग हैमरस्कजॉल्ड’ पदक और ‘मिलिट्री जेंडर एडवोकेट ऑफ द ईयर’ समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा, मेजर सेन एक सच्ची नेता और आदर्श हैं। उनकी सेवा समग्र रूप से संयुक्त राष्ट्र के लिए एक योगदान है।

आइए, मेरे साथ मिलकर भारत की मेजर राधिका शर्मा को बधाई दीजिए। मुझे उन्हें ‘मिलिट्री जेंडर एडवोकेट ऑफ द ईयर अवार्ड’ देते हुए बहुत गर्व हो रहा है।’ मेजर सेन भारतीय त्वरित तैनाती बटालियन की कमांडर के तौर पर मार्च 2023 से अप्रैल 2024 तक कांगो गणराज्य के पूर्व में तैनात थीं।

गुटारेस ने मेजर सेन और सभी शांति रक्षकों को उनकी सेवा, नेतृत्व और महिला, शांति एवं सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्धता के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय दल की कमांडर के रूप में मेजर सेन ने अनगिनत गश्तों के दौरान अपनी इकाई का नेतृत्व किया।    

उन्होंने कहा, इन गश्तों के दौरान उत्तरी किवु में बढते संघर्ष के माहौल के बीच उनके सैनिकों ने संघर्ष प्रभावित समुदायों, विशेष रूप से महिलाओं और लड़कियों के साथ सक्रिय संवाद किया और उन्होंने उनका विश्वास जीता। ऐसा उन्होंने विनम्रता, करुणा और समर्पण के साथ किया।

हिमाचल प्रदेश में 1993 को जन्मी मेजर सेन आठ साल पहले भारतीय सेना में भर्ती हुईं। उन्होंने बायोटेक इंजीनियर के तौर पर स्नातक किया। जब उन्होंने सेना में शामिल होने का फैसला किया था, उस समय वह भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बंबई से परास्नातक की पढाई कर रही थीं। वह मेजर सुमन गवानी के बाद इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को पाने वाली दूसरी भारतीय शांति रक्षक हैं।

मेजर गवानी ने दक्षिणी सूडान में संयुक्त राष्ट्र के मिशन में सेवा दी थी और उन्हें 2019 में इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। मेजर राधिका सेन ने कहा कि बहुपक्षीय मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करना उनके लिए सम्मान और सौभाग्य की बात है।

मेजर सेन ने मंगलवार को यहां कहा, ‘यह निश्चित तौर पर मेरे लिए सम्मान और सौभाग्य का विषय है कि मुझे न केवल अपनी टीम का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला, बल्कि मेरे सभी सम्मानित सहयोगियों, मोनुस्को के शांतिरक्षकों और विशेष रूप से मेरे देश भारत का भी प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला है। उन्होंने कहा, ‘इतने बड़े अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश का प्रतिनिधित्व करने की भावना को बयां नहीं किया जा सकता।’

भाषा
संयुक्त राष्ट्र


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment