Maha Kumbh 2025 : संगम की रेत पर विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन ‘महाकुंभ’ आज से, 35 करोड़ श्रद्धालु पहुंचेंगे, 26 फरवरी तक चलेगा आयोजन
संगम की रेती पर आयोजित विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक समागम महाकुम्भ सोमवार के स्नान पर्व से प्रारंभ होने जा रहा है जिसके लिए मेला प्रशासन ने पूरी तरह से तैयारी का दावा किया है। हालांकि अभी कई जगहों पर कार्य प्रगति पर है। सभी घाट स्नान के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
संगम की रेत पर विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक महा आयोजन ‘महाकुंभ’ आज से |
45 दिवसीय इस महा आयोजन में 35 करोड़ श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है।
इस बार संगम तट के अलावा नदी के बीच में कई ‘चेंजिंग रूम’ बनाए गए हैं और सभी नाविकों को यात्रियों के लिए ‘लाइफ जैकेट’ दिए गए हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए नाव के किराए की दर का बोर्ड भी लगाया गया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा, मौनी अमावस्या के दौरान, अनुमानित 4-5 करोड़ भक्तों के प्रयागराज में पहुंचने और स्नान में भाग लेने की उम्मीद है।
महाकुंभ के लिए राज्य का बजट लगभग 7000 करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा, पिछला कुंभ स्वच्छता के लिए जाना जाता था। इस बार यह स्वच्छता, सुरक्षा और डिजिटल कुंभ है।
सिंह ने एक इंटरव्यू में कहा, 2019 में कुंभ हुआ था। यह महाकुंभ है और पिछले कुंभ में 24 करोड़ श्रद्धालु आए थे जबकि इस बार 35 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। मेले का क्षेत्रफल लगभग 25 प्रतिशत बढ़ा है।
इस बार मेला करीब 4000 हेक्टेयर में लगाया जा रहा है, जबकि पिछले कुंभ में यह करीब 3200 हेक्टेयर क्षेत्र में लगाया गया था।
सिंह ने कहा, इस बार हमने मेला क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा है, जबकि 2019 में यह 20 सेक्टर में था।
घाटों की लंबाई आठ किलोमीटर (2019 में) से बढ़ाकर 12 किलोमीटर (2025 में) कर दी गई है। पार्किंग क्षेत्र भी 2019 में 1291 हेक्टेयर की तुलना में इस बार बढ़ाकर 1850 हेक्टेयर कर दिया गया है।
उन्होंने कहा, भारत सरकार के विभागों ने भी काफी निवेश किया है। रेलवे व राष्ट्रीय राजमागरें में भी आप सुधार देखेंगे।
मुख्य सचिव ने कहा, इस बार मौनी अमावस्या के दौरान अनुमानित 4-5 करोड़ भक्तों के आने की उम्मीद है, जबकि 2019 में यह आंकड़ा 3-4 करोड़ था।
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