महाभियोग के कलंक से मुक्त हुए ट्रंप
अमेरिका की सीनेट देश के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित करने के लिए आवश्यक दो-तिहाई बहुमत हासिल नहीं कर पाई। इसी के साथ ट्रंप को शनिवार को बरी कर दिया गया।
महाभियोग के कलंक से मुक्त हुए ट्रंप |
ट्रंप के खिलाफ चार दिन चली सुनवाई के बाद 100 सदस्यीय सीनेट ने महाभियोग के पक्ष में 57 मत और इसके विरोध में 43 मत डाले। ट्रंप को दोषी साबित करने के लिए 10 और मतों की आवश्यकता थी। ट्रंप पर आरोप था कि अमेरिकी कैपिटल में छह जनवरी को उनके समर्थकों ने जो ¨हसा की थी, उसे उन्होंने भड़काया था।
रिपब्लिकन पार्टी के सात सीनेटरों ने ट्रंप के खिलाफ महाभियोग के समर्थन में मतदान किया, लेकिन डेमोक्रेटिक पार्टी पूर्व राष्ट्रपति को दोषी ठहराने के लिए आवश्यक 67 मत हासिल नहीं कर पाई। सीनेट में डेमोक्रेटिक पार्टी के 50 सदस्य हैं।
दो बार महाभियोग की कार्रवाई : ट्रंप अमेरिकी इतिहास में पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं, जिनके खिलाफ दो बार महाभियोग की कार्रवाई शुरू की गई है। वह पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं, जिन्होंने कार्यालय छोड़ने के बाद महाभियोग की कार्रवाई का सामना किया है।
किसी राष्ट्रपति को यह नहीं झेलना पड़ा : ट्रंप ने उन्हें बरी किए जाने के बाद एक बयान जारी करके कहा, किसी भी राष्ट्रपति को पहले कभी यह नहीं झेलना पड़ा। उन्होंने कहा, यह बहुत दुखद है कि एक राजनीतिक दल को कानून के शासन को कलंकित करने, कानून लागू कराने वालों का अपमान करने, भीड़ को बढ़ावा देने, दंगाइयों को माफ करने और न्याय को राजनीतिक प्रतिशोध के माध्यम के रूप में बदलने की खुली छूट दी गई।
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