NASA के मुताबिक, साल 2020 अब तक सबसे गरम साल

Last Updated 15 Jan 2021 12:02:20 PM IST

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने इस बात का खुलासा किया है कि कोविड-19 के प्रकोप से प्रभावित साल 2020 सबसे अधिक गर्म साल भी रहा।


इसने साल 2016 के रिकॉर्ड को एक डिग्री के दसवें हिस्से की अधिकता के साथ तोड़ दिया है। हालांकि इसकी कई सारी वजहें भी हैं, जिनमें से एक है ऑस्ट्रेलिया, साइबेरिया और अमेरिकी वेस्ट कोस्ट के जंगलों में लगी भीषण आग और भीषण चक्रवाती अटलांटिक तूफान के दौरान इस आग के जलने का समय भी काफी लंबा रहा।

अमेरिका में नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर में एक शोध मौसम विज्ञानी लेस्ली ओट ने कहा, "अब तक हमने जलवायु परिवर्तन के जिन गंभीर प्रभावों की भविष्यवाणी की है, यह साल उसी का एक उदाहरण रहा है।"

हालांकि इसके लिए सिर्फ जंगलों में लगी आग को ही दोषी ठहराया जाना उचित नहीं है बल्कि मानव निर्मित ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन भी धरती को गर्म करने के लिए काफी हद तक जिम्मेदार है।

न्यूयॉर्क सिटी में नासा के गोडार्ड इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस स्टडीज (जीआईएसएस) के निदेशक और जलवायु वैज्ञानिक गेविन श्मिट ने कहा, "धरती की सामान्य प्रक्रियाएं यही है कि इंसानी गतिविधियों द्वारा उत्सर्जित कार्बन-डाई-ऑक्साइड का शोषण कर लिया जाए, लेकिन हम जिस अधिक मात्रा में पर्यावरण में कार्बन डाई ऑक्साइड को छोड़ रहे हैं, उस पर काबू पाना अब पेड़-पौधों व समंदर के वश में नहीं हो पा रहा है।"

नासा के मुताबिक, आज से करीब 250 साल पहले हुई औद्योगिक क्रांति के बाद से कार्बन डाई ऑक्साइड का स्तर करीब-करीब 50 फीसदी तक बढ़ गया है। वातावरण में मीथेन की मात्रा दोगुनी से अधिक हो गई है। नतीजतन इस दौरान धरती एक डिग्री सेल्सियस और ज्यादा गर्म हो गई है।

जलवायु विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया है कि चूंकि धरती गर्म हो रही है, ऐसे में गर्म हवा के थपेड़ों और सूखे में और इजाफा हो सकता है, जंगलों में आग लगने की संख्याओं में भी बढ़ोत्तरी हो सकती है, साल में औसत से अधिक गंभीर तूफानों के आने की आशंका भी बनी हुई है।
 

आईएएनएस
वॉशिंगटन


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