अफगान शांति वार्ता हमेशा के लिए खत्म

Last Updated 11 Sep 2019 06:48:45 AM IST

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अफगानिस्तान में 18 साल से चल रहे संघर्ष को खत्म करने के प्रयास के तहत तालिबान के साथ चल रही वार्ता हमेशा के लिए खत्म हो गई है।


व्हाइट हाउस में संवाददाताओं को संबोधित करते राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप।

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने सोमवार को व्हाइट हाउस के रिपोर्टर्स को बताया, जहां तक मेरा सवाल है, वह वार्ता हमेशा के लिए खत्म हो गई है। तालिबान द्वारा एक हमले की जिम्मेदारी लेने के बाद ट्रंप ने अमेरिका में इसी सप्ताहांत पर तालिबान के प्रतिनिधिमंडल के साथ होने वाली गोपनीय वार्ता रद्द कर दी थी। हमले में एक अमेरिकी सैनिक की मौत हो गई थी। लग रहा था कि दोनों पक्षों के बीच वार्ता अंतिम चरण में है और तालिबान ने कहा कि वार्ता रद्द करने से अमेरिका को सबसे ज्यादा नुकसान होगा।

अमेरिका के राष्ट्रपति ने अपनी प्रमुख विदेश नीति के तहत अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को वापस लाने का वादा किया था, लेकिन जब उनसे अमेरिका के 14,000 सैनिकों के अब भी वहां मौजूद होने के बारे में पूछा गया, तो ट्रंप ने कहा, हम वहां से वापस आना चाहेंगे लेकिन सही समय पर बाहर आएंगे। वार्ता रद्द करने से पहले ट्रंप कैंप डेविड में तालिबान और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी की मेजबानी करने वाले थे।

ट्रंप ने हमले को बड़ी गलती बताते हुए कहा, उन्हें लगा कि वार्ता में अपना पक्ष मजबूत करने के लिए उन्हें लोगों को मारना होगा। उन्होंने कहा, हमारी एक बैठक प्रस्तावित थी। यह मेरा विचार था और उसे रद्द करने का विचार भी मेरा था। मैंने इस बारे में किसी और से चर्चा तक नहीं की। हमले की निंदा करते हुए उन्होंने कहा, मैंने कैंप डेविड में होने वाली वार्ता रद्द कर दी क्योंकि उन्होंने कुछ ऐसा किया जो उन्हें निश्चित तौर नहीं करना चाहिए था। हमले में एक अमेरिकी सैनिक समेत 12 लोग मारे गए थे। ‘11 सितम्बर’ हमलों की बरसी से ठीक पहले तालिबान की मेजबानी की योजना को लेकर ट्रंप की आलोचना हुई थी। लेकिन ट्रंप ने यह कहते हुए इसका बचाव किया था कि वार्ता करना अच्छी बात है न कि बुरी बात।

अमेरिकी बलों से लड़ाई जारी रहेगी : तालिबान
तालिबान ने अफगानिस्तान में अमेरिकी बलों के खिलाफ लड़ाई जारी रखने की मंगलवार को प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि वार्ता बंद करने पर अमेरिका को अफसोस होगा। उसका यह बयान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के यह कहने के बाद आया है कि तालिबान के साथ लंबे समय से चल रही अफगानिस्तान शांति वार्ता का ‘अंत’ हो गया है। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा, हमारे पास अफगानिस्तान में कब्जे को खत्म करने के दो तरीके थे, एक जिहाद और लड़ाई थी, दूसरा बातचीत था। मुजाहिद ने कहा, अगर ट्रंप बातचीत बंद करना चाहते हैं तो हम अपना पहला तरीका अपनाएंगे और वे शीघ्र इसपर अफसोस करेंगे।

एएफपी/आईएएनएस
काबुल/वाशिंगटन


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