कश्मीर पर सऊदी अरब, यूएई से 'स्पष्ट संदेश' चाहता है पाकिस्तान
पाकिस्तान ने सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से आग्रह किया है कि एक ऐसे समय में जब 'पाकिस्तान और कश्मीर के लोग कश्मीर मामले में मुस्लिम जगत से ठोस समर्थन की उम्मीद कर रहे हैं', तब ऐसे में इन दोनों देशों को कश्मीर मामले में 'स्पष्ट और असंदिग्ध' रुख अख्तियार करना चाहिए।
![]() पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (फाइल फोटो) |
पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट में यह जानकारी देते हुए बताया गया है कि यह घटनाक्रम इन चिंताओं के बीच हुआ है कि सऊदी अरब और यूएई समेत कई खास मुस्लिम देशों की प्रतिक्रिया कश्मीर मामले में ठंडी रही है।
सऊदी उप विदेश मंत्री अदेल हिन अहमद अल जुबैर और यूएई के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद बिन सुलतान अल नहयान ने बुधवार को एक अप्रत्याशित घटनाक्रम में एक साथ एक हवाईजहाज से यात्रा की और एक साथ पाकिस्तान पहुंचे। माना गया कि इस तरह दोनों देश पाकिस्तान की कश्मीर को लेकर आहत भावनाओं पर मरहम लगाते हुए उसके साथ एकजुटता दिखाना चाह रहे थे। पाकिस्तान इन दोनों देशों द्वारा भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सर्वोच्च सम्मान देने से परेशान है।
इन दोनों अरब नेताओं की पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान, विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और सेना प्रमुख कमर बाजवा से बातचीत हुई और इसके बाद आधिकारिक बयान में कहा गया कि बातचीत के केंद्र में कश्मीर मुद्दा रहा। हालांकि इस बयान में साफ तौर पर ऐसा नहीं कहा गया लेकिन सूत्रों ने 'एक्सप्रेस ट्रिब्यून' को बताया कि इन मुलाकातों का मकसद भारत के साथ तनाव को कम करने में मदद करना और कश्मीर मामले में इन देशों के रुख से पाकिस्तान में नाराजगी को कम करना रहा।
विदेश कार्यालय ने बताया कि विदेश मंत्री कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान और कश्मीर के लोग मुस्लिम जगत के मजबूत समर्थन की आशा कर रहे हैं। इस संदर्भ में यह बहुत जरूरी है कि कश्मीरी लोगों के साथ एकजुटता दिखाने का स्पष्ट और असंदिग्ध संदेश दिया जाना चाहिए।
आधिकारिक बयान में कहा गया कि 'वे हाल के घटनाक्रम पर पाकिस्तानी अवाम की नाराजगी को पूरी तरह समझते हैं और जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकार की लगातार बदतर होती स्थिति को लेकर चिंतित हैं।'
| Tweet![]() |