OBOR पर अमेरिका ने किया भारत का समर्थन, इसे विवादित क्षेत्र से गुजरने वाला बताया
ट्रंप प्रशासन ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) को लेकर भारत के विरोध का समर्थन करते हुए आज कहा कि 50 अरब डॉलर की लागत से बनाया जा रहा यह गलियारा विवादित क्षेत्र से होकर गुजरता है और किसी भी देश को 'बेल्ट एंड रोड' पहल नहीं थोंपना चाहिए.
![]() अमेरिकी विदेश मंत्री जिम मैटिस (फाइल फोटो) |
सीपीईसी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से होकर गुजरता है जिस पर भारत ने चीन से अपनी आपत्ति जता दी है. यह इलाका कराकोरम पर्वतीय श्रृंखला से घिरा है.
अमेरिकी विदेश मंत्री जिम मैटिस ने कांग्रेस की एक चर्चा में सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति के सदस्यों से कहा, वैश्विकृत दुनिया में कई बेल्ट और कई रोड हैं तथा किसी भी देश को अपने आप को ऐसी स्थिति में नहीं रखना चाहिए कि वह वन बेल्ट, वन रोड पर निर्देश दे.
जाहिर तौर पर सीपीईसी पर भारत के रूख का संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा जैसा कहा जा रहा है, वन बेल्ट वन रोड विवादित भूभाग से हो कर गुजरेगा, तो मुझे लगता है कि इससे भी संवेदनशीलता का पता चलता है.
मैटिस ओबीओआर और चीन की नीति को लेकर सीनेटर चार्ल्स पीटर्स के एक सवाल का जवाब दे रहे थे.
पीटर ने सवाल किया था, वन बेल्ट वन रोड नीति के तहत यूरेशिया पर दबदबा बनाने और वहां प्राकृतिक संसाधनों की उम्मीद में चीन दोनों महाद्वीपों और समुद्री हितों को नियंत्रित करना चाहता है. ऐसी स्थिति में अमेरिकी नीति के अनुरूप चीजें ठीक नहीं है. तो आप अफगानिस्तान और खासतौर से वन बेल्ट वन रोड के संबंध में चीन को कैसी भूमिका निभाते हुए देखना चाहते हैं.
भारत ने इस साल मई में बेल्ट एंड रोड फोरम (बीआरएफ) में भाग नहीं लिया था. उसने सीपीईसी पर अपनी संप्रभुता संबंधी चिंताएं जताई थीं.
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