लीबिया संकट : गद्दाफी के दूत ने किया लंदन का दौरा

Last Updated 01 Apr 2011 06:26:58 PM IST

लीबिया सरकार के दूत, मोहम्मद इस्माइल ब्रिटिश अधिकारियों से बातचीत करने के लिए कुछ दिनों से लंदन में थे.


ब्रिटिश विदेश विभाग ने इस खबर की पुष्टि करने से इंकार कर दिया है लेकिन स्पष्ट किया है कि किसी भी लीबियाई अधिकारी से सम्पर्क होने पर सिर्फ कर्नल गद्दाफ के पद छोड़ने पर ही चर्चा होगी. उधर अमेरिका ने हवाई हमलों में लीबिया की एक-चौथाई सैन्य क्षमता नष्ट होने का दावा किया है.

सूत्रों के अनुसार गद्दाफी के पुत्र सैफ अल-इस्लाम के वरिष्ठ सहयोगी मोहम्मद इस्माइली के लंदन दौरे की खबर लीबियाई विदेश मंत्री मूसा कुसा के ब्रिटेन पहुंचने के बाद सामने आई है.

मूसा द्वारा गद्दाफी का साथ छोड़ देने की अपुष्ट खबरे मिली हैं. मूसा के बुधवार को अचानक ब्रिटेन पहुंने के बाद इस बात की अपुष्ट खबरें मिली हैं कि अन्य कई वरिष्ठ लीबियाई अधिकारी भी गद्दाफी का साथ छोड़ रहे हैं.

टीवी चैनल 'अल-जजीरा' ने कहा है कि खुफिया मंत्री, विदेश उप मंत्री और जनरल पीपुल्स कांग्रेस के सभापति ट्यूनीशिया में उड़ान का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन तेल मंत्री शुकरी घानिम ने लीबिया छोड़ने के किसी तरह के इरादे से इंकार किया है.

अली अब्दुल सलाम त्रेकी को हाल ही में संयुक्त राष्ट्र में लीबिया का स्थायी प्रतिनिधि नियुक्त किया गया था, लेकिन खबर है वह इस पद को स्वीकार नहीं कर रहे हैं.

एक सरकारी प्रवक्ता ने संवाददाताओं को बताया कि वे सभी अधिकारी लीबिया में हैं, लेकिन यह भी सम्भव है कि कुछ अधिकारियों ने किसी मिशन के तहत देश छोड़ा है.

विदेश विभाग ने इस दौरे की पुष्टि करने से इंकार कर दिया है. विदेश विभाग ने कहा है कि "लीबियाई अधिकारियों के साथ अपने सम्पर्को का आंखों देखा हाल नहीं सुनाया जाएगा लेकिन यह स्पष्ट है कि ऐसे किसी भी सम्पर्क में हमने स्पष्ट किया है कि गद्दाफी को गद्दी छोड़नी होगी."

ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद लीबियाई दूत गद्दाफी की सम्भावित विदाई की रणनीति तलाशने का इच्छुक रहा हो, लेकिन विदेश विभाग ने कहा है कि उसकी नीति गद्दाफी के इर्द-गिर्द उपस्थित लोगों को 'क्रूर शासन' से अलग हो जाने और लीबिया के बेहतर भविष्य को अपनाने के लिए प्रेरित करने की है.

संवाददाता ने कहा है कि यह स्पष्ट नहीं है कि लीबिया सरकार के किस अधिकारी के निर्देश पर इस्माइल लंदन में थे, लेकिन समझा जाता है कि वह फिलहाल त्रिपोली लौट चुके हैं.

इस बात की अफवाह है कि गद्दाफी के बेटे, खासतौर से सैफ अल-इस्लाम, सादी और मुतास्स्मि पूरे परिवार के लिए या सिर्फ अपने पिता के लिए सुरक्षित विदाई की रणनीति पर चर्चा करने को इच्छुक हैं.

इस्माइल के दौरे की खबर तब सामने आई है, जब ब्रिटिश राजनयिकों और खुफिया अधिकारियों ने मूसा कूसा से लगातार पूछताछ की है. मूसा कूसा लीबिया के विदेशी खुफिया सेवा के पूर्व प्रमुख भी हैं.

ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने कहा है कि मूसा के विद्रोह से गद्दाफी के चरमरा रहे शीर्ष प्रशासन में व्याप्त हताशा और भय सामने आ गया है.

कैमरन ने यह भी कहा कि मूसा को कार्रवाई से छूट नहीं दी गई है. स्कॉटलैंड के अभियोजकों ने 1988 के लॉकरबी बमबारी के बारे में कूसा से पूछताछ करने की अनुमति मांगी है. उस घटना में 270 लोग मारे गए थे.

यद्यपि सरकारी सूत्रों ने समाचार पत्र 'गार्जियन' से कहा है कि वे नहीं समझते कि उस मामले में मूसा लिप्त थे.

इस बीच अमेरिकी जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष, एडमिरल माइक मुलेन ने कहा कि गठबंधन सेना के हवाई हमले से लीबिया सरकार की लगभग एक-चौथाई सैन्य क्षमता नष्ट हो गई है. लेकिन मुलेन ने कहा कि इसका अर्थ यह नहीं कि गद्दाफी की सेना टूटने के कगार पर है.

मुलेन ने अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स की सशस्त्र सेनाओं की समिति को बताया, "हमने वास्तव में उनकी सैन्य क्षमताओं को छिन्न-भिन्न कर दिया है. लेकिन इसका अर्थ यह कत्तई नहीं कि वह सैन्य दृष्टि से टूटने के कगार पर हैं, क्योंकि ऐसी स्थिति नहीं है."

मुलेन ने यह भी कहा कि खराब मौसम ने गठबंधन सेना को पिछले तीन-चार दिनों से लक्ष्यों की पहचान करने से रोक दिया है.

इस बीच विद्रोही, गद्दाफी की सेना के हाथों हारी जमीन को फिर से हासिल करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. विद्रोही एक बार फिर भूमध्यसागर से लगे पश्चिमी तट की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं.

उधर, गद्दाफी समर्थक सैनिक मिसराता शहर पर लगातार तोपों व टैंकों से बमबारी कर रहे हैं. मिसराता के एक निवासी ने कहा, "यदि और दो दिनों तक इस तरह की गोलाबारी जारी रही तो मुझे डर है कि ये पूरे शहर को अपनी गिरफ्त में ले लेंगे और यह पूरी तरह से एक नरसंहार की स्थिति होगी."
 



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