इराक में 'इस्लामिक शासन', अल-बगदादी बना दुनिया के मुस्लिमों का 'खलीफा'
आईएसआईएस के सुन्नी जिहादियों ने इराक में \'इस्लामिक खिलाफत\' की स्थापना का ऐलान किया है और मुसलमानों से उनका अनुसरण करने को कहा है.
![]() सुन्नी जिहादी |
ISIS यानी इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया ने अपने प्रमुख अबू बक्र अल-बगदादी को 'खलीफा' और सारी दुनिया में मौजूद मुस्लिमों का नेता घोषित किया है. यह एक ऐसी व्यवस्था है, जिसका करीब 100 साल पहले ऑटोमन साम्राज्य के पतन के साथ ही अंत हो गया था.
इराक और सीरिया के बडे भू-भाग पर कब्जा जमा चुके सुन्नी आतंकवादियों (इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड लीवेंट- आईएसआईएल) ने खुद को एक नई सत्ता (इस्लामी राज्य) घोषित करते हुए अपने सरगना (अबू बक्र अल बगदादी) को खलीफा का दर्जा देकर दुनिया भर के जेहादियों और मुसलमानों से उनका अनुसरण करने को कहा है.
जेहादियों ने अपनी वेबसाइट पर यह संदेश जारी किया है. दिलचस्प बात यह है कि अब तक आईएसआईएल को दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकवादी संगठन अलकायदा की एक शाखा के रूप में देखा जाता था, लेकिन अब यह उसकी सत्ता को भी चुनौती देने के लिए खड़ा हो गया है, हालांकि अलकायदा पहले ही इस संगठन से अपना नाता तोड़ने की बात कह चुका है.
उधर, इराक के सुरक्षा बलों ने सद्दाम हुसैन के गृह नगर तिकरित में जवाबी हमला तेज कर दिया है.
सुन्नी आतंकवादियों के प्रवक्ता अबू मोहम्मद अल अदनानी की ओर से वेबसाइट पर जारी संदेश में कहा गया है कि आगे से संगठन को आईएसआईएल नहीं, बल्कि इस्लामी स्टेट के रूप में जाना जाए और उसके सरगना अबू बक्र अल बगदादी को दुनिया भर के मुसलमानों का खलीफा माना जाए.
संगठन के आधिकारिक कामकाज में आगे से इस्लामी स्टेट के नाम का ही प्रयोग किया जाए. इस संदेश का अरबी सहित दुनिया की कई भाषाओं में अनुवाद किया गया है. वेबसाइट पर से संगठन का नाम आईएसआईएल से हटाकर इस्लामी स्टेट लिख दिया गया है.
विदेशी मामलों के जानकारों का कहना है कि अमेरिका पर 9/11 के हमले के बाद जेहदियों की ओर से यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काफी योजनाबद्ध तरीके से उठाया गया कदम है. इसका सबसे बड़ा असर यह होगा कि ओबामा बिन लादेन के मारे जाने के साथ विभिन्न गुटो में बंट चुके अलकायदा की जगह अब जेहादियों को पहली बार एक जुट होकर किसी संगठन की छत्रछाया में खड़े होने का मौका मिलेगा.
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