Kartik Purnima Puja Samagri List : इन पूजन सामग्री के बिना अधूरी है कार्तिक पूर्णिमा की पूजा
हिंदू धर्म में पूर्णिमा का व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। प्रत्येक वर्ष 12 पूर्णिमाएं होती हैं, लेकिन जिस साल अधिकमास या मलमास आता है, तब इनकी संख्या 12 से बढ़कर 13 हो जाती है।
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Kartik Purnima Puja Samagri List : सनातन धर्म में कार्तिक माह को सभी महीनों में सबसे शुभ फलदायी महीना माना गया है। हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को कार्तिक पूर्णिमा का उत्सव मनाया जाता है। यह दिन हिंदू समुदाय के लिए बहुत महत्व रखता है। एक धार्मिक कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव ने असुर त्रिपुरासुर का वध किया था, इसलिए इसे त्रिपुरी या त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इसी उपलक्ष्य में इस दिन देव दीपावली का पर्व भी मनाया जाता है। एक मान्यता के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान श्री हरि विष्णु ने मत्स्य अवतार धारण किया था। इसलिए हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का अधिक महत्व होता है। इस दिन स्नान के लिए पवित्र नदियों के तट पर लाखों की भीड़ उमड़ती है। कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा या गंगा स्नान के नाम से भी जाना जाता है। कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान, दान, पूजा और व्रत का भी खास महत्व होता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान श्री हरि विष्णु का सम्मान किया जाता है और भक्त उनका आशीर्वाद पाने के लिए मंदिरों में जाते हैं। लोग इस दिन को दीये जलाकर मनाते हैं।
कार्तिक पूर्णिमा पूजन सामग्री लिस्ट
मूर्ति की स्थापन के लिए चौकी
चौकी पर बिछाने के लिए लाल या पीला कपड़ा
भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की मूर्ति
अक्षत
अगरबत्ती
गंगा जल
पवित्र जल
पंचामृत
जल कलश
दही
शुद्ध देशी घी
गाय का कच्चा दूध
गाय की गोबर से बना उपला (हवन)
माचिस
दूर्वा घास
तुलसी पत्ता
हल्दी
पीतल का दीपक
केला
रोली
पंच मिष्ठान्न
पुष्प
पंच फल
दक्षिणा
कपूर
धूप
दीप
रूई
चंदन
मौली
जनेऊ
शहद
सिंदूर
एक तुलसी का पौधा
चन्दन (शालिग्राम भगवान के लिए)
कलावा
लौंग
बताशा
भोग के लिए हलवा या खीर-पूरी
बेसन की लड्डू
सफ़ेद मिठाई
महावर या आलता
शालिग्राम
श्रृंगार
एक चुनरी
माता तुलसी पर दीपदान करने के लिए 5 साधारण दीपक
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