Chhath Puja 2023 Third Day : छठ पूजा का तीसरा दिन आज, जानें डूबते सूर्य को अर्घ्य देने का समय और नियम

Last Updated 19 Nov 2023 08:12:50 AM IST

आज छठ पूजा का तीसरा दिन है। तीसरे दिन भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य दिया जाएगा। इस दिन डूबते हुए सूर्य की उपासना की जाती है।


Chhath Puja 2023 Third Day

Chhath Puja 2023 Third Day: आज है महापर्व छठ का तीसरा दिन। आज हर घाट भगवान की भक्ति के गानों से गूंज उठेगा। आज  सूर्य देव जी को पहला अर्घ्य दिया जाएगा। इसके साथ ही घाटों पर लोग छठ का डाला लेकर पहुंचेंगे, जहां व्रत रखने वाली महिलाएं सूर्यास्त के समय पूरे भक्ति भाव से भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य देंगी।  व्रती पानी में खड़े होकर ठेकुआ, गन्ना समेत अन्य प्रसाद सामग्री से सूर्यदेव को अर्घ्य देती हैं और संतान की लंबी आयु के साथ परिवार की सुख-समृद्धि की प्रार्थना करती हैं। तो चलिए बताते हैं आपको  सूर्य को अर्घ्य देने का समय और नियम क्या हैं।  

19 नवंबर 2023 सूर्यास्त पर अर्घ्य देने का समय
19 नवंबर यानी आज व्रती महिलाएं सूर्य भगवान को पहला अर्घ्य देंगी। छठ पूजा के तीसरे दिन ढलते हुए सूर्य की पूजा की जाती है। आज सूर्यास्त का समय शाम 5 बजकर 25 मिनट का रहेगा
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार छठ का व्रत करने से भगवान सूर्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है साथ ही छठी मैया भी आपको सुख - समृद्धि  का विशेष आशीर्वाद देती हैं। हिंदू धर्म में छठ पूजा का महत्व काफी अधिक है। कार्तिक मास के शुक्‍ल पक्ष की षष्‍ठी से शुरू होने वाले इस व्रत को छठ पूजा, सूर्य षष्‍ठी पूजा और डाला छठ के नाम से भी जाना जाता है।

सूर्य देव को अर्घ्य देने के नियम
छठ व्रत के तीसरे दिन व्रती घाट पर जाने से पहले बांस के डाला को अच्छे से सजा लें।
डाला में सारे फल डाल लें।
चावल, गन्ना, ठेकुआ, मेवे, मिठाई आदि टोकरी में रखें। 
सूर्य देव को अर्घ्य देने के नियम
प्रसाद और अन्य पूजा सामग्री भी बांस के डाला में रख दें।
सभी प्रसाद सूप में भी रखें और सूप में ही दीपक जलाएं।
इसके बाद घर का कोई भी सदस्य डाला को अपने सिर पर रखकर घाट तक ले जाए।
फिर घाट पर पहुंचने के बाद नदी किनारे डाला और गन्ना को अच्छे से रख दें।
व्रती महिलाएं सूती साड़ी पहनती हैं और पुरुष धोती पहनकर ही छठ की पूजा करें।
सूरज ढलने के समय व्रती पानी में प्रवेश करें।
फिर सूर्यदेव को अर्घ्य दें और परिवार की खुशहाली के लिए सूर्य देव से प्रार्थना करें।
डाल, सूप आदि पूजा सामग्री को जल से स्पर्श जरूर कराएं।

प्रेरणा शुक्ला
नई दिल्ली


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