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- कश्मीर में मौसम ने ढाया सितम
यदि इस बार भी ऐसा हुआ तो यह हमारे उन किसानों के साथ बड़ा अन्याय होगा जो तमाम सरकारी अनदेखी के बावजूद खाद्यान्न उत्पादन करके देशवासियों का पेट तो भरते ही हैं, जीडीपी में भी बहुमूल्य योगदान करते हैं. वैसे भी एक सर्वे ने बताया है कि देश के 61 फीसद किसान अन्य विकल्प मिलने पर खेती छोड़ने के लिए तैयार बैठे हैं.
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