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- कश्मीर में मौसम ने ढाया सितम
इन हालात में सर्वाधिक चिंता की बात यह है कि पहले ही उपज का वाजिब मूल्य न मिलने और उत्पादन लागत में लगातार वृद्धि से परेशान हमारे ‘अन्नदाता’ मौसम के इस जुल्म को कैसे सह सकेंगे. ऐसे में निहायत जरूरी हो गया है कि सरकारी स्तर पर किसानों को हुए नुकसान का आकलन कराया जाए और उन्हें नुकसान का मुआवजा दिया जाए. लेकिन उम्मीद कम ही है कि वक्त रहते सरकारी तंत्र समुचित संवेदनशीलता दिखाएगा.पूर्व में देखा गया है कि कैसे आपदाओं के कारण बर्बाद हुए किसानों को ‘ऊंट के मुंह में जीरे’ के समान मुआवजे मिलते रहे हैं.
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