सत्यार्थी: तंग गलियों से नोबल तक का सफर

PICS: सत्यार्थी को नोबल पुरस्कार मिलते ही विदिशा विश्व पटल पर छाया

शर्मा ने बताया कि इसके बाद उन्होंने इसी कॉलेज में दो वर्ष तक अध्यापन का काम किया लेकिन कॉलेज प्रबंधन से कथित विवाद के चलते वह नौकरी छोड़कर दिल्ली चले गए. सत्यार्थी चार भाइयों में सबसे छोटे हैं. उनकी एक बहन भी है. सबसे बड़े भाई का निधन हो गया है और उनके शेष परिजन अभी भी इसी नगर में निवास करते हैं.

 
 
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