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- PICS:गांधी टोपी का अब तक का सफर..
आजादी की लड़ाई में जब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने टोपी पहननी शुरू की थी तब किसी ने सोचा भी नहीं था कि यह टोपी उनकी और आजादी की लडाई की पहचान से इस कदर जुड़ जायेगी कि सदियों तक संघर्ष करने वाले उसे प्रतीक के तौर पर अपनाते रहेंगे. उनके संघर्ष के दिनों में उनकी वेशभूषा का अभिन्न हिस्सा रही टोपी उनके नाम पर ही गांधी टोपी के नाम से लोकप्रिय हुई और राजनीतिक नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इसे पहनना शुरू कर दिया. लेकिन वक्त गुजरने के साथ ही टोपी पहनने का यह रिवाज कम होता चला गया और गांधी टोपी धीरे-धीरे विलुप्त होने लगी. वैसे गांधीवादी कार्यकर्ता अन्ना हजारे द्वारा वर्ष 2011 में दिल्ली में जन लोकपाल के लिये किये गये अनशन और उसके बाद उनके साथी रहे अरविन्द केजरीवाल के संघर्ष के दौरान गांधी टोपी पहनने से इस टोपी ने एक बार फिर हर खासो आम में अपनी जगह बना ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने इस गांधी टोपी को उस वक्त पहनना शुरू किया जब देश के नेताओं एवं लोगों ने न केवल इसे पहनना लगभग बंद कर दिया था, बल्कि आम लोगों की स्मृति में भी यह धुंधली पड़ चुकी थी.