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- संगम की रेती पर संयम, श्रद्धा और कायाशोधन का ‘कल्पवास’
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आचार्य ने कहा कि पौष कल्पवास के लिए वैसे तो उम्र की कोई बाध्यता नहीं है, लेकिन माना जाता है कि संसारी मोह-माया से मुक्त और जिम्मेदारियों को पूरा कर चुके व्यक्ति को ही कल्पवास करना चाहिए क्योंकि जिम्मेदारियों से बंधे व्यक्ति के लिए आत्मनियंत्रण कठिन माना जाता है। माघ मेला एक ऐसा धार्मिक आयोजन है, जिसकी पूरी दुनिया में कोई मिसाल नहीं मिलती। इसके लिए किसी प्रकार का न तो प्रचार किया जाता है और न ही आमंत्रण और निमंत्रण देना पड़ता है बावजूद इसके पंचांग की एक निश्चित तिथि पर लाखों की संख्या में लोग दूर-दराज से पहुंचते हैं।
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