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- रंग के उमंग पर कोरोना का साया, होली मिलन से भी परहेज
रंग के उमंग पर कोरोना के कहर का साया मंडरा रहा है, क्योंकि इस बार रंगों के त्योहार होली को लेकर बच्चे उत्साहित नहीं हैं। देश में कोरोनावायरस के मामले सामने आने पर बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी इस बीमारी के खतरे को लेकर आशंकित हैं। होली नजदीक है, मगर बाजारों में रंग, गुलाल और पिचकारी खरीदने वालों की की संख्या बहुत कम है। उधर, सरकार ने लोगों को भीड़भाड़ से बचने की सलाह देते हुए इस जानलेवा वायरस के प्रकोप की रोकथाम के लिए एहतियात बरतने की अपील की है। प्रधानमंत्री, गृहमंत्री समेत कई नेताओं ने होली मिलन समारोह से दूर रहने की घोषणा की है। देश की राजधानी दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में बच्चों में रंगोत्सव होली को लेकर पहले जैसा रोमांच नहीं है। होली से कुछ दिन पहले से ही जहां ऊंची-ऊंची इमारतों की छतों और बालकनी से बच्चे राहगीरों पर पानी भरे गुब्बारे फेंकना शुरू कर देते थे, वहां इस बार बच्चे ऐसी शरारत करने से भी परहेज बरत रहे हैं। रंग गुलाल और पिचकारी समेत गुब्बारों के बारे में उनके अंदर यह धारणा बैठ गई है कि यह सभी सामान चाइनीज हैं इसलिए इन्हें खरीदने से डर रहे हैं। एक दुकानदार रंजीत ने बताया कि लोगों में कोरोना बायरस का खौफ है। कोई खरीदारी करने आ भी रहा है तो वह पहले ही कह रहा है कि चाइनीज नहीं चाहिए। देसी पिचकारी भी उसे चाइनीज ही लग रही है, इसकी वजह से बाजार पूरी तरह से ठंडा पड़ा हुआ है। चाइनीज चीजों से खरीदार डरे हुए हैं।