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- सुंदर मुंदरिये होये तेरा कौन बेचारा होय...
लोहड़ी के लिए लकड़ियां एकत्र करते समय दुल्ला भट्टी की प्रशंसा में ही गीत गाए जाते हैं. ‘सुंदर मुंदरिये होय, तेरा कौन बेचारा होय. दुल्ला भट्टी वाला होय, दुल्ले धी बिआई होय. सेर शक्कर पाई होय, कुड़ी दे बोझे पाई होय, कुड़ी दा लाल हताका होय. कुड़ी दा सालु पाटा होय, सालू कौन समेटे होय.’
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