सुंदर मुंदरिये होये तेरा कौन बेचारा होय...

लोहड़ी: सुंदर मुंदरिये होये तेरा कौन बेचारा होय...

लोहड़ी के दिन यह गीत भी खूब गाया जाता है. ‘देह माई लोहड़ी, जीवे तेरी जोड़ी, तेरे कोठे ऊपर मोर, रब्ब पुत्तर देवे होर, साल नूं फेर आवां.’पंजाब में इस दिन बच्चे सुबह से ही घर-घर जाकर लकड़ियां मांगते हैं. एकत्र की गई लकड़ियां रात को जलाई जाती हैं और इसके आसपास लोग परिक्रमा करते हैं.

 
 
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