- पहला पन्ना
- लाइफस्टाइल
- गुड्डे-गुड़ियों का गांव
सुकीमी के द्वारा बनाए गए डॉल्स के साथ फोटो खिंचवाते हैं. इतना ही नहीं, बर्लिन के फिल्ममेकर फिट्स शूमेन तो इस गांव पर एक डॉक्यूमेंट्री भी बना चुके हैं. सुकीमी गांव में लगभग 350 से भी ज्यादा गुड्डे-गुड़िया बना चुकी है. उसका यह क्रम अभी भी नहीं रुका है. नगोरू में भले ही जिंदा इंसान न रहते हो लेकिन लोगों के चले जाने के बाद भी सुकीमी के लिए सभी जिंदा हैं और उसके साथ रहते हैं. भले ही वह गुड्डे-गुड़ियों की शक्ल में हों. सुकीमी हर रोज अपना सारा काम निपटाकर किसी न किसी गांव वाले को सीने बैठ जाती है. ऐसा करते हुए उसने गांव में खेलते, स्कूल में पढ़ते बच्चे से लेकर उसके रिश्तेदार और अनेक गांव वासी बना डाले हैं. मिताली जैन
Don't Miss