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- सेक्स की अनुमति नहीं देने पर मिलेगा तलाक!

सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी है कि लंबे समय तक जीवन साथी को सेक्स करने की अनुमति नहीं देना मानसिक क्रूरता है और यह तलाक का आधार हो सकता है. न्यायमूर्ति एस जे मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा, ‘नि:संदेह, जीवन साथी को पर्याप्त कारणों के बगैर ही लंबे समय तक सेक्स नहीं करने देना मानसिक क्रूरता जैसा है’’. न्यायालय ने इस व्यवस्था के साथ ही मद्रास हाई कोर्ट का फैसला सही ठहराया जिसने एक व्यक्ति को सिर्फ इसी आधार पर विवाह विच्छेद की अनुमति दे दी थी. इस व्यक्ति ने आरोप लगाया था कि उसकी पत्नी सेक्स से इंकार करने सहित कई तरीकों से उसके साथ क्रूरता कर रही है. शीर्ष अदालत ने पत्नी की इस गवाही को तवज्जो देने से इंकार कर दिया कि चूंकि वह संतान नहीं चाहती थी, इसलिए उसने शारीरिक संबंध बनाने से इंकार कर दिया था.
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