आम बजट : सभी को साधने वाला

Last Updated 24 Jul 2024 01:53:54 PM IST

लोकसभा चुनाव से पहले इसी साल 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि जुलाई में पूर्ण बजट में सरकार द्वारा विकसित भारत के लक्ष्य का विस्तृत रोडमैप प्रस्तुत किया जाएगा।


आम बजट : सभी को साधने वाला

अंतरिम बजट में न तो आम आदमी के लिए राहत की कोई विशेष घोषणाएं हुई थी और न ही उन पर कोई बड़ा बोझ लादा गया था, लेकिन अंतरिम बजट में भी सरकार का मुख्य फोकस गरीबों और महिलाओं पर ही दिखा था। आम बजट में हर वर्ग के लिए कुछ-न-कुछ राहत देने का प्रयास किया गया है। वैसे, सरकार का फोकस गरीबों, महिलाओं, युवाओं और अन्नदाताओं पर दिखा है, साथ ही बजट में रोजगार के अवसर बढ़ाने का रोड़मैप भी पेश किया गया है।

बजट में देश की समृद्धि को प्रभावित करने वाले कारकों के साथ-साथ लोगों के निजी हितों का भी विशेष ध्यान रखा गया है, साथ ही उन सभी जनकल्याणकारी योजनाओं को विस्तारित करने की भी घोषणा की गई है, जो मौजूदा समय में लोगों के निजी हितों को सकारात्मक तरीके से प्रभावित कर रही हैं। कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए इस वर्ष बजट आवंटन 1.52 लाख करोड़ रु पए है। बजट में पूंजीगत व्यय के लिए 11.11 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं, जो भारत की कुल जीडीपी का 3.4 प्रतिशत होगा।

वित्तमंत्री के अनुसार 2024-25 तक वित्तीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है और सरकार का लक्ष्य घाटे को 4.5 प्रतिशत से नीचे पहुंचाना है। बजट में आम लोगों से लेकर तमाम करदाता टैक्स स्लैब में कमी, स्टैंर्डड डिडक्शन बढ़ाने और 80सी के तहत मिलने वाली छूट को बढ़ाए जाने की आस लगाए हुए थे। और वित्तमंत्री ने उन्हें निराश भी नहीं किया। आर्थिक विश्लेषकों के अनुसार नई आयकर दरों से करदाताओं को कम से कम 17500 रुपए की बचत होगी।

वित्तमंत्री के मुताबिक नई कर व्यवस्था से सरकार को सात हजार करोड़ रुपए का राजस्व नुकसान होगा, लेकिन इससे चार करोड़ वेतनभोगियों को लाभ होगा। विदेशी कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स की दर 40 प्रतिशत से घटाकर 35 प्रतिशत की गई है और आयकर अधिनियम 1961 की व्यापक समीक्षा की घोषणा भी की गई है। हर तरह के स्टार्टअप्स के लिए एंजेल टैक्स हटाने का ऐलान किया गया है।

बजट में जिन प्रमुख क्षेत्रों पर विशेष रूप से फोकस किया गया है, उनमें रोजगार और कौशल, कृषि में उत्पादकता और लचीलापन, शहरी विकास, बुनियादी ढांचा, ऊर्जा सुरक्षा, अगली पीढ़ी के सुधार, विनिर्माण और सेवाएं, समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय, नवाचार, अनुसंधान और विकास इत्यादि शामिल हैं। रोजगार और कौशल विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बजट में युवाओं के लिए दो लाख करोड़ रु पए आवंटित किए गए हैं और युवाओं को रोजगार के लिए तीन प्रमुख योजनाओं पर काम करने का ऐलान भी किया है। सरकार 500 शीर्ष कंपनियों में एक करोड़ युवाओं को इंटर्ननशिप के अवसर प्रदान करने के लिए एक योजना शुरू करेगी, जिसमें 5000 रुपए प्रतिमाह इंटर्ननिशप भत्ता और 6000 रुपए की एकमुश्त सहायता दी जाएगी और प्रशिक्षण के दौरान होने वाले खर्च को कंपनी सीएसआर फंड से वहन करेगी।

वर्कफोर्स में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना भी सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। इस वर्ष शिक्षा, रोजगार और कौशल विकास के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है, जो पिछले बजट की तुलना 32 प्रतिशत ज्यादा है। उत्पादन क्षेत्र में रोजगार सृजन को पहली बार कर्मचारियों के रोजगार से जुड़ी योजना के माध्यम से प्रोत्साहित करने का प्रयास किया गया है। सरकार की इस पहल का उद्देश्य 50 लाख लोगों के लिए अतिरिक्त रोजगार को प्रोत्साहित करना है। छात्रों को 7.5 लाख रुपए ‘मॉडल स्किल लोन’ का लाभ देने का ऐलान भी बजट में किया गया है, जिससे उन छात्रों को लाभ पहुंचेगा, जो पैसों के अभाव में पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते थे। उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख रुपए तक के लोन के लिए वित्तीय सहायता की घोषणा भी बजट में है।

महिलाओं और लड़कियों को लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं के लिए तीन लाख करोड़ रुपए के आवंटन और मुद्रा ऋण की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 रुपए लाख रुपए की गई है। पीएम आवास योजना के तहत 3 करोड़ अतिरिक्त घर बनाए जाएंगे, जो ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में होंगे। विभिन्न क्षेत्रों के लिए की गई अन्य विशेष घोषणाओं में शहरी आवास योजना के लिए 10 लाख करोड़ रुपए, ग्रामीण विकास के लिए 2.66 लाख करोड़ रुपए, सड़क सम्पर्क परियोजनाओं के लिए 26 हजार करोड़ रुपए, बिहार में हाईवे के लिए 26 हजार करोड़ रुपए, अमरावती के विकास के लिए 15 हजार करोड़ रुपए, 12 औद्योगिक पाकरे को मंजूरी इत्यादि शामिल हैं। आम आदमी को आम बजट में की गई घोषाओं से जहां कुछ राहत मिली है तो कुछ चीजें महंगी होने से उनकी जेब पर बोझ भी बढ़ेगा। हां, कैंसर से जुड़ी बीमारियों में इस्तेमाल होने वाली दवाओं और उपकरणों पर कस्टम ड्यूटी घटाने से इलाज कुछ सस्ता होने की उम्मीदें बढ़ी हैं।

बजट में शिक्षा क्षेत्र के लिए 1.48 लाख करोड़ का आवंटन किया गया है, जो शिक्षा मंत्रालय को दिया गया अब तक का सबसे बड़ा आवंटन है। 2023 में केंद्र सरकार ने शिक्षा क्षेत्र को 112898.97 करोड़ रु पए आवंटित किए थे, वह भी उस समय तक का सबसे ज्यादा आवंटन था, लेकिन इस बार सरकार ने उस आंकड़े को भी पीछे छोड़ दिया है। बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए 89287 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है, जो पिछले वित्त वर्ष के 88956 करोड़ रुपए के आवंटन से थोड़ा ही ज्यादा है। इसे और ज्यादा बढ़ाने की जरूरत महसूस हो रही थी। दरअसल, वैश्विक मानकों के अनुसार किसी भी देश को स्वास्थ्य पर कम से कम 3 फीसद खर्च करना चाहिए, जबकि भारत में स्वास्थ्य पर करीब 1.3 फीसद ही खर्च हो पा रहा है। बहरहाल, महंगाई और बेरोजगारी से त्रस्त आम आदमी के लिए सरकार ने बजट में कुछ बड़ी राहतों का जो पिटारा खोला है, उसे देखते हुए इस बजट को सभी वगरे को साधता संतुलित बजट कहा जा सकता है।

योगेश कु. गोयल


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment