भारत-बांग्लादेश : प्रगाढ़ होते रिश्ते

Last Updated 29 Jun 2024 01:24:56 PM IST

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने 21 एवं 22 जून की दो दिवसीय भारत यात्रा की। उनकी इस यात्रा का मकसद दोनों देशों के बीच पहले से ही बने घनिष्ठ संबंधों को और आगे बढ़ाना था।


भारत-बांग्लादेश : प्रगाढ़ होते रिश्ते

भारत में नई सरकार के गठन के बाद यह किसी विदेशी नेता की पहली द्विपक्षीय राजकीय यात्रा थी। प्रधानमंत्री हसीना की इसी माह में यह दूसरी भारत यात्रा थी। इससे पहले वे प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए भारत आई थीं। इसके बाद जुलाई महीने में चीन की यात्रा पर जाएंगी। चीन की यात्रा पर जाने से पहले उनका दो बार भारत आना दर्शाता है कि चीन यात्रा से उनके भारतीय संबंधों को कोई खतरा नहीं है। इधर भारत सरकार भी बांग्लादेश से अपने मधुर संबंधों को आगे जारी रखना चाहती है।

बांग्लादेश और भारत के प्रधानमंत्रियों ने 22 जून को बैठक करके व्यापक वार्ता की। इस वार्ता में नये क्षेत्रों में आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए भविष्य की योजना पर सहमति जताई और समुद्री क्षेत्र सहित अनेक मुख्य क्षेत्रों में संबंधों को बढ़ावा देने के लिए तकरीबन 10 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। दोनों पक्षों द्वारा हस्ताक्षरित प्रमुख समझौतों में डिजिटल, हरित और रक्षा क्षेत्रों में बढ़ावा देने के समझौते शामिल हैं। इनमें बांग्लादेश के रोगियों के लिए ई-वीजा प्रमुख है। उल्लेखनीय है कि बड़ी संख्या में बांग्लादेश के लोग इलाज कराने के लिए भारत आते हैं। वहां से भारत आने वाले ऐसे लोग 30 प्रतिशत के करीब हैं। ई-वीजा मिलने से ऐसे लोगों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमने नये क्षेत्रों में सहयोग के लिए भविष्योन्मुखी विजन तैयार किया है, जिसमें हरित साझेदारी, डिजिटल साझेदारी, अंतरिक्ष एवं ब्लू इकॉनमी जैसे विभिन्न क्षेत्रों में भारत-बांग्लादेश की बनी सहमति से दोनों देशों के नवयुवकों को काफी लाभ मिलेगा। दोनों देशों की ‘मैत्री उपग्रह’ भारत-बांग्लादेश संबंधों को नई ऊंचाइयां प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि हम अपनी वरीयता में डिजिटल और ऊर्जा कनेक्टिविटी पर फोकस रखेंगे।

हमने पिछले 10 वर्षो में कार्य करते हुए 1965 से पहले की कनेक्टिविटी को बहाल कर दिया है। इससे दोनों देशों की अर्थव्यव्स्था गतिशील होगी। उन्होंने दोहराया, ‘मैं बंगबंधु के स्थिर, समृद्ध और प्रगतिशील बांगलादेश के विजन को साकार रूप प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।’ इन समझौतों में दूसरा समझौता बांग्लादेश के रंगपुर में भारत का नया सहायक उच्चायोग होगा। बांग्लादेश के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र के लोगों के लिए रंगपुर में सहायक उच्चायोग खोलने का निर्णय लिया गया है। ढाका और कोलकाता के बीच नई रेल सेवा चालू की जाएगी। इसी तरह, चटगांव और कोलकाता के बीच नई बस सेवा चालू हो जाएगी। पांचवां समझौता मेदे-दरसाना और हल्दीबाड़ी-चिलाहाटी के बीच दलगांव तक मालगाड़ी सेवाओं की शुरु आत किए जाने का है।

इसके अलावा, अनुदान सहायता के तहत सिराजगंज में अंतर्देशीय कंटेनर डिपो का निर्माण किया जाएगा। भारतीय ग्रिड के माध्यम से नेपाल से बांग्लादेश को 40 मेगावाट बिजली के निर्यात की शुरुआत की जाएगी। 1996 की गंगा जल संधि के नवीनीकरण के लिए भी एक समिति बनाई जाएगी। रक्षा संबंधों को मजबूत बनाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री मोदी और शेख हसीना के बीच चर्चा हुई। इसमें दोनों देशों ने लंबी अवधि के हितों को ध्यान में रख कर रक्षा सहयोग की एक नीति बनाने का निर्णय लिया है।

उल्लेखनीय है कि भारत-बांग्लादेश के बीच सैनिक और रक्षा सहयोग की गति अभी तक काफी धीमी रही है, लेकिन अब किए गए नये समझौते के बाद से भारत जो सहयोग करेगा उससे बांग्लादेश की आर्मी काफी अत्याधुनिक बनेगी। बांग्लादेश की रक्षा जरूरतों के मुताबिक रक्षा उपकरणों का उत्पादन शुरू होगा। यह कार्य इस प्रकार का होगा कि बांग्लादेश की रक्षा और यौद्धिक क्षमता काफी बढ़ सके। अभी तक भारत ने इस तरह का रक्षा समझौता किसी पड़ोसी देश के साथ नहीं किया है। प्रधानमंत्री मोदी और शेख हसीना ने आतंकवाद, कट्टरवाद और सीमा पर शांतिपूर्ण प्रबंधन अपनी सहभागिता को मजबूत करने का भी निर्णय लिया है।

इसके अतिरिक्त, दोनों देशों के मध्य हिन्द महासागर क्षेत्र के लिए समान दृष्टिकोण अपनाए जाने की बात निश्चित हुई। दोनों प्रधानमंत्रियों की मुलाकात में भारत ने बांग्लादेश की पुरानी मांग मान ली और बांग्लादेश को भूटान तथा नेपाल के साथ भारतीय रेलवे के जरिए कारोबार करने की स्वीकृति प्रदान कर दी। इस स्वीकृति से बांग्लादेश को निर्यात बढ़ाने का बेहतर अवसर प्राप्त होगा। इस कदम से उत्साहित दोनों देश शीघ्र ही एक विशेष समझौता भी करने वाले हैं। अब दोनों देशों का प्रयास है कि भूटान, नेपाल और बांग्लादेश के बीच एक साझा बाजार तैयार किया जा सके। यदि इस कार्य में सफलता मिल गई तो भविष्य में इस बाजार में अन्य पड़ोसी देशों जैसे श्रीलंका, म्यांमार आदि को शामिल किया जा सकेगा। इसीलिए दोनों देश रेल, सड़क, हवाई मार्ग और समुद्री मार्ग के जरिए आवागमन और माल ढुलाई के लिए कनेक्टिवटी को और ज्यादा मजबूत बनाएंगे।

प्रधानमंत्री मोदी और शेख हसीना के बीच बैठक में इस बात की भी सहमति बनी कि तीस्ता नदी जल प्रबंधन पर वार्ता के लिए भारत की एक तकनीकी टीम ढाका का दौरा करेगी। टीम तीस्ता नदी की गाद को साफ करने तथा नदी को पुराने स्वरूप में लौटाने के लिए एक रोडमैप तैयार करेगी। बांग्लादेश में तीस्ता नदी के संरक्षण पर बातचीत के लिए एक भारतीय दल भेजने का निर्णय इसलिए महत्त्वपूर्ण है क्योंकि भारत की आपत्तियों के बावजूद एक अरब अमेरिकी डॉलर की इस परियोजना पर चीन की नजर थी। यह मुद्दा भारत के लिए अत्यंत संवेदनशील है क्योंकि चीन की कंपनियों को ठेका मिलने का मतलब है कि उन्हें तीस्ता नदी से संबंधित सारा डाटा हासिल हो जाएगा। इसलिए भारत का प्रयास था कि चीन का इसमें प्रवेश न हो। इस आासन के बाद अपने देश पहुंच कर शेख हसीना ने कहा कि उनकी भारत यात्रा सार्थक रही। निश्चित है कि उपर्युक्त समझौतों के बाद भारत तथा बांग्लादेश के आपसी संबंध और अधिक मधुरता की ओर बढ़ेंगे।

डॉ. लक्ष्मी शंकर यादव


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