भारत-बांग्लादेश : कनेक्टिविटी बढ़ने से कारोबार बढ़ा
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की हालिया चार दिवसीय भारत यात्रा के दौरान सात समझौतों के अलावा दुतरफा राजनीतिक एवं सुरक्षा संबंधी विषयों पर महत्त्वपूर्ण चर्चा हुई।
भारत-बांग्लादेश : कनेक्टिविटी बढ़ने से कारोबार बढ़ा |
इनमें बांग्लादेश में चीन के बढ़ते निवेश, बांग्लादेश में आतंकवाद एवं कट्टरवाद की चुनौती से निपटने के उपायों, हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा, रोहिंग्या समस्या के समाधान खासकर उनकी शांतिपूर्ण ढंग से म्यांमार वापसी के विकल्प आदि मुद्दे शामिल रहे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत-बांग्लादेश को मिलकर उन आतंकी व चरमपंथी ताकतों का सामना करना होगा जो दोनों देशों के आपसी विश्वास पर हमला कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि 1971 की भावना जीवित रखने के लिए इन ताकतों का मुकाबला करना जरूरी हो गया है।
भारत ने रक्षा क्षेत्र में लंबित बांग्लादेश से तीन साल पुराने उस समझौते को लागू करने का आग्रह किया जिसमें उसे पड़ोसी देश के तटों पर निगरानी राडारों का नेटवर्क स्थापित करने की स्वीकृति दी गई है। भारत ने समुद्री सुरक्षा के लिए तटीय राडार प्रणाली उपलब्ध कराने के लिए 2019 के एमओयू को जल्द से जल्द लागू करने के अपने अनुरोध को दोहराया। दोनों देश रक्षा क्षेत्र के लिए कर्ज सुविधा के तहत परियोजनाओं को जल्द ही अंतिम रूप देने पर भी सहमत हो गए। भारत बांग्लादेश सीमा के शांतिपूर्ण प्रबंधन पर दोनों नेताओं ने अधिकारियों को 150 गज के अंदर सभी लंबित विकास कार्यों को पूरा करने के लिए काम में तेजी लाने के निर्देश दिए। इन कार्यों में त्रिपुरा सेक्टर में बाड़ लगाने का काम शुरू किया जाना शामिल है।
इस यात्रा में जिन सात समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए उनमें कुशियारा नदी के जल बंटवारे तथा उसके पानी के साझा उपयोग, बांग्लादेश रेलवे के अधिकारियों को प्रशिक्षण, बांग्लादेशी रेलवे को मालवहन सहित विभिन्न क्षेत्रों में आईटी एप्लीकेशन के उपयोग में सहयोग, बांग्लादेश के न्यायिक अधिकारियों की क्षमता निर्माण में सहयोग, विज्ञान एवं तकनीकी अनुसंधान और अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग एवं प्रसार भारती व बांग्लादेश टेलीविजन के बीच प्रसारण संबंधी समझौते शामिल हैं।
कुशियारा नदी के अंतरिम जल बंटवारा समझौते से दक्षिणी असम और बांग्लादेश के सिलहट क्षेत्र के लोगों को फायदा होगा। गौरतलब है कि 1996 में गंगा जल संधि पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद दोनों देशों के बीच इस तरह का यह पहला समझौता है। शेख हसीना ने प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि दोनों देशों ने बकाया मुद्दों को सुलझाया है। लंबित मुद्दों का समाधान भी जल्द कर लेंगे। इस दौरान हसीना ने तीस्ता जल बंटवारा समझौता होने में देरी को लेकर चिंता जताई। विदित हो कि 2011 से तीस्ता जल बंटवारा समझौता लंबित है। उस समय पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसका विरोध किया था। बेहतर संबंधों के बावजूद तीस्ता नदी के जल बंटवारे का मुद्दा दोनों देशों के बीच विवाद का कारण बना हुआ है।
बांग्लादेश रेलवे को भारतीय रेल यात्री टिकट और माल ढुलाई परिचालन के कंप्यूटरीकरण के लिए सूचना प्रौद्योगिकी से संबद्ध समाधान प्रदान करेगी। इस संबंध में दोनों देशों के बीच हुए समझौते के तहत भारतीय रेल के संस्थानों में प्रशिक्षण की सुविधा दी जाएगी। आवश्यकता पड़ने पर भारतीय रेल पड़ोसी देश में अधिकारियों के साथ समन्वय भी स्थापित करेगी। प्रशिक्षण सुविधाओं की स्थापना, सुधार एवं अध्ययन में मदद करेगा। एक समझौता बांग्लादेश रेलवे को माल ढुलाई व परिचालन सूचना प्रणाली में सूचना प्रौद्योगिकी समाधान प्रदान करने के लिए भी किया गया है।
समझौते में बांग्लादेश रेलवे को विभिन्न जरूरतों के लिए सूचना समाधान प्रदान करना भी शामिल है। दोनों देशों के बीच रेल मार्ग से जुड़ी परियोजनाओं में बांग्लादेश के मोंगला पोर्ट परियोजना भारत के पूर्वोत्तर राज्यों व पश्चिम बंगाल को जोड़ने में प्रमुख भूमिका निभाएगी। वर्तमान में पूर्वोत्तर के राज्यों तक जाने के लिए भूटान-चीन-भारत सीमा के पास चिकन नेक से गुजरना होता है। खुलना और मोंगला पोर्ट के बीच 64.7 किमी. की सिंगल लाइन रेल परियोजना पर बना रेल पुल विशेष महत्त्व वाला है। दोनों नेताओं ने इस पुल का उद्घाटन किया।
दरअसल, दोनों देशों का जोर आपसी व्यापार बढ़ाने का है। इसीलिए जल, रेल व हवाई संपर्क बढ़ाने पर बल है। विदित हो कि बीते पांच साल में द्विपक्षीय व्यापार 9 अरब से 18 अरब डॉलर अर्थात 1.42 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। भारत और बांग्लादेश के बीच समग्र आर्थिक साझोदारी समझौते पर इसी वर्ष बातचीत प्रारंभ कर दी जाएगी लेकिन इस बाबत समझौते पर हस्ताक्षर तभी किए जाएंगे जब संयुक्त राष्ट्र की तरफ से बांग्लादेश को विकासशील देशों की श्रेणी में कर दिया जाएगा। दोनों देशों के बीच अब सड़क, रेल एवं समुद्री मार्ग की कनेक्टिविटी काफी बढ़ गई है, जिस कारण दोनों देशों के बीच कारोबार भी बढ़ गया है। ऐसे में भारत एशिया में बांग्लादेश का सबसे बड़ा बाजार बन गया है।
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