एशिया कप क्रिकेट : भारत का बहुत कुछ दांव पर
अब भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट प्रतिद्वंद्विता में पहले जैसा करंट तो नहीं दिखता है। पर दोनों के मुकाबले का बेसब्री से इंतजार अभी भी किया जाता है।
एशिया कप क्रिकेट : भारत का बहुत कुछ दांव पर |
यही वजह है कि भारत और पाकिस्तान के क्रिकेटप्रेमियों को ही नहीं बल्कि सारे जहान के क्रिकेट प्रेमियों को दोनों देशों के बीच 28 अगस्त को खेले जाने वाले एशिया कप मुकाबले का इंतजार है। दोनों देशों के मुकाबले में भले ही अब मर-मिटने वाला अंदाज नहीं दिखता पर यह जरूर है कि आज भी दोनों में से कोई भी टीम हारना पसंद नहीं करती है और दोनों का यही रुख मुकाबले की रोमांचकता को बढ़ाता रहा है। यही कारण है कि चाहे आईसीसी हो या एशियाई क्रिकेट महासंघ दोनों ही इन मुकाबलों की लोकप्रियता को भुनाने में नहीं चूकते हैं।
संयुक्त अरब अमीरात में 27 अगस्त से 11 सितम्बर तक होने वाले एशिया कप में भारत और पाकिस्तान को एक ग्रुप में रखने का परिणाम यह है कि यह है कि दोनों परंपरागत प्रतिद्वंद्वी इसमें तीन बार आमन-सामने हो सकते हैं।
इस बार फॉम्रेट यह है कि दोनों ग्रुपों की टॉप दो टीमें सुपर फोर में स्थान बनाएंगी, जिसमें भारत और पाकिस्तान दोनों के पहुंचने की उम्मीद की ही जा सकती है। सुपर फोर की टॉप दो टीमों के बीच फाइनल खेला जाना है। वैसे इस टूर्नामेंट में श्रीलंका, अफगानिस्तान और बांग्लादेश की भी मजबूत टीमें हैं, इसलिए कोई भी टीम फाइनल में पहुंचने का माद्दा रखती है। पर भारत और पाकिस्तान के बीच दो मुकाबले तो तय ही लगते हैं। अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में पाकिस्तान के मुकाबले भारतीय टीम पिछले काफी समय से बेहतर प्रदर्शन करती रही है। एशिया कप में भारत का रिकॉर्ड भी बेहतर है। दोनों देशों के बीच अब तक खेले गए 14 मैचों में से आठ बार भारत और पांच बार पाकिस्तान जीता है और एक में कोई परिणाम नहीं निकला, लेकिन पिछले साल टी-20 विश्व कप में पाकिस्तान ने भारत को 10 विकेट से शिकस्त देकर यह भरोसा तो बना लिया है कि वह अपनी इस परंपरागत प्रतिद्वंद्वी को फतह करने का माद्दा रखती है।
पर शेन वाटसन को भारत के इस विश्व कप को जीतने की बेहतर संभावनाएं लगती हैं। इसकी वजह वह पिछले साल हुए टी-20 विश्व कप के बाद से भारत ने खेले 24 टी-20 मैचों में से 19 जीता है। पाकिस्तान को विश्व कप के बाद से बहुत मैच खेलने को नहीं मिले हैं और उन्होंने सात ही मैच खेले हैं, जिसमें से सिर्फ एक ऑस्ट्रेलिया के हाथों हारा है। वह इस साल तो बहुत ही कम टी-20 मैच खेली है। भारत की निगाहें लगातर तीसरी बार एशिया कप जीतने पर रहेंगी। भारत असल में ढांचागत सुविधाओं के मामले में एशिया के बाकी सभी देशों से बहुत आगे है और उसने पिछले एक-डेढ़ दशक में ऐसी छवि बनाई है कि दुनिया की हर दिग्गज टीम भारत से खेलना चाहती है। इसकी वजह शायद भारत के साथ खेलने से बोडरे की अच्छी-खासी कमाई होना है। यह स्थिति अन्य टीमों की कतई नहीं है। इसलिए बाकी टीमों को भारत की तरह खेलने के ज्यादा मौके नहीं मिलते हैं। इसके अलावा भारत में आईपीएल के आयोजन की वजह से प्रतिभाओं की भी भरमार रहती है। यही वजह है कि भारतीय टीम एक साथ दो टीमें भी दौरे पर भेजने लगी है। इन सब कारणों से भारत अन्य टीमों के मुकाबले आगे नजर आता है। फिर भी पाकिस्तान के अलावा श्रीलंका, अफगानिस्तान और बांग्लादेश अपना दिन होने पर चौंकाने का माद्दा तो रखते ही हैं।
भारतीय क्रिकेट प्रेमी जिस उत्सुकता से पाकिस्तान के साथ मुकाबले का इंतजार कर रहे हैं, उतनी ही उनकी उत्सुकता स्टार खिलाड़ी विराट कोहली के बल्ले से रनों की आग उगलते देखने की भी है। असल में विराट कोहली काफी लंबे समय से रंगत से दूर बने हुए हैं। सभी विशेषज्ञ मानते हैं कि उन्हें रंगत में आने के लिए सिर्फ एक अच्छी पारी का इंतजार है। पर सवाल यह है कि वह पारी आएगी कब। वह यदि इसमें भी रंगत नहीं पाते हैं तो इस साल 16 अक्टूबर से ऑस्ट्रेलिया में होने वाले विश्व कप में खेलने की उनकी संभावनाएं कम हो सकती हैं। वैसे विराट का पाकिस्तान के खिलाफ रिकॉर्ड शानदार है। उन्होंने सात टी-20 मैचों में 77.75 के औसत से 311 रन बनाए हैं, जिसमें तीन अर्धशतक शामिल हैं।
दोनों देशों के बीच पिछले साल टी-20 विश्व कप में विराट को सस्ते में निकालने वाले शाहीन शाह आफरीदी के चोटिल होकर बाहर होने का फायदा मिल सकता है। विराट कोहली के एशिया कप में रंगत पाते ही भारत की साल आखिर में टी-20 विश्व कप में भाग लेने वाली टीम को भी अंतिम रूप मिल जाएगा। इसके बाद भारत को ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी-20 सीरीजों से अपनी तैयारियों को मापने का मौका मिल जाएगा। इस मुकाबले में दोनों टीमों के स्ट्राइक गेंदबाज बुमराह और शाहीन की अनुपस्थिति में बाकी गेंदबाजों के प्रदर्शन पर बहुत कुछ निर्भर रहने वाला है।
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