भारत-2020 : बेहतर होंगे रोजगार अवसर
हाल ही में भारतीय कंपनियों के मुख्य कार्याधिकारियों (सीईओ) के बीच किए गए एक सर्वेक्षण में 62 फीसदी सीईओ ने कहा है कि वर्ष 2020 में आर्थिक चुनौतियों के बीच भी मांग (डिमांड) में मौजूदा स्तर से तेजी आएगी और मांग बढ़ने से 2019 की तुलना में 2020 में रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी।
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गौरतलब है कि इन दिनों पूरे देश और पूरी दुनिया के करोड़ों लोगों के द्वारा नये वर्ष 2020 और आगामी वर्षो में भारत की नई पीढ़ी की रोजगार विश्वास और रोजगार की संभावनाओं से संबंधित दो तरह की महत्त्वपूर्ण रिपोटरे को पढ़ा जा रहा है। भारत की नई पीढ़ी में रोजगार विश्वास से संबंधित रिपोटरे में कहा जा रहा है कि भारत के अधिकांश युवाओं का विश्वास है कि उन्हें अच्छा रोजगार अवश्य मिलेगा। खास तौर से पिछले वर्ष 2019 में विकास दर महज 5 फीसदी रहने के कारण रोजगार नहीं बढ़े, लेकिन अब 2020 में विकास दर के 6 से 6.5 फीसदी रहने की संभावना के कारण रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। विभिन्न रिपोटरे में यह भी कहा गया है कि वर्ष 2020 में रोजगार के मौके खास तौर से कृषि, छोटे उद्योग, स्वास्थ्य क्षेत्र, सर्विस सेक्टर, आईटी सेक्टर और पर्यटन क्षेत्र में बढ़ते हुए दिखाई देंगे। साथ ही, सरकार द्वारा 5 लाख से अधिक सरकारी नौकरियों की भर्ती की प्रक्रिया भी तेज होगी।
नये वर्ष 2020 में रोजगार मिलने की संभावनाएं अन्य देशों की तुलना में भारतीय युवाओं की नजरों में अधिक दिखाई देने की अध्ययन रिपोर्टे प्रकाशित हुई हैं। जापान के निप्पो फाउंडेशन की वैश्विक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के 78 फीसदी युवाओं को विश्वास है कि उनका भविष्य चमकीला और उज्ज्वल है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जापान समेत कई विकसित और विकासशील देशों के युवाओं की तुलना में भारत के युवाओं की आंखों में अच्छे रोजगार का विश्वास उंचाइयों पर है।
उल्लेखनीय है कि भारत की नई पीढ़ी की चमकीली रोजगार संभावनाओं से संबंधित रिपोटरे में कहा जा रहा है कि वर्ष 2020 से शुरू होकर आगामी एक दशक तक नई विश्व अर्थव्यवस्था में भारतीय प्रतिभाओं और भारतीय प्रवासियों की भूमिका अहम होती हुई दिखाई देगी। दुनियाभर प्रसिद्ध ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्रियों ने गहन शोध अध्ययन के बाद अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दुनिया में अगले दस वर्षो में प्रतिभाशाली वर्ग (टैलेंट पूल) में 7.3 फीसदी वृद्धि के साथ भारत दुनिया में पहले क्रम पर होगा। अमेरिकी सरकार के राष्ट्रीय खुफिया निदेशक कार्यालय की ग्लोबल ट्रेंड्स-2030 रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत प्रोफेशनल्स (पेशेवरों) के सहारे वर्ष 2030 तक विश्व की बड़ी और आर्थिक रूप से शक्तिशाली ताकत बनकर उभर सकता है।
इसी तरह मानव संसाधन परामर्श संगठन- कॉर्न फेरी-की रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां दुनिया में 2030 तक कुशल कामगारों का संकट होगा, वहीं भारत के पास 24.5 करोड़ अतिरिक्त कुशल कामगार होंगे। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वर्ष 2030 तक दुनिया के उन्नीस विकसित और विकासशील देशों में 8.52 करोड़ कुशल श्रमशक्ति की कमी होगी। ऐसे में दुनिया में भारत इकलौता देश होगा जिसके पास वर्ष 2030 तक जरूरत से ज्यादा कुशल कामगार होंगे। ऐसे में भारत विश्व के तमाम देशों में कुशल कामगारों को भेजकर माकूल हालात का अपने पक्ष में फायदा उठा सकेगा। जहां भारत की प्रतिभाएं अच्छे रोजगार के साथ देश को आर्थिक मजबूती देंगी, वहीं विदेशों में भी भारत की प्रतिभाओं को प्रवासी भारतीयों का साथ मिलना बढ़ता जाएगा। ज्ञातव्य है कि भारतीय प्रवासी भारत के विकास में भी महत्त्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएनओ) की संस्था इंटरनेशनल आर्गनाइजेशन फॉर माइग्रेशन (आयओएम) की रिपोर्ट-2019 के मुताबिक विदेश से अपने देश में धन भेजने के मामले में भारतीय प्रवासी एक बार फिर सबसे आगे रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक पिछले वर्ष 2018 में प्रवासी भारतीयों ने 79 अरब डॉलर (करीब 5.5 लाख करोड़ रु पए) की राशि स्वदेश भेजी है। भारत के बाद चीन का नम्बर आता है। वर्ष 2020 में प्रवासी भारतीयों से बीतते हुए वर्ष 2019 की तुलना में अधिक विदेशी मुद्रा भारत भेजे जाने की संभावना बताई जा रही है, और इससे देश में निश्चित ही रोजगार के मौके भी बढ़ेंगे। निश्चित रूप से वर्ष 2020 की शुरुआत से सरकार के द्वारा एक ओर अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ाकर रोजगार के अवसर बढ़ाए जाने होंगे, वहीं दूसरी ओर भारत की नई पीढ़ी को भी नये दौर के कौशल विकास से प्रशिक्षित करके देश और दुनिया के लिए उपयोगी बनाया जाना होगा है। इस परिप्रेक्ष्य में यह उल्लेखनीय है कि हाल ही में सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय पहली बार फ्यूचर स्किल्स प्राइम कार्यक्रम की डगर पर आगे बढ़ा है। इसके तहत केंद्र सरकार ने अगले तीन साल में कृत्रिम मेधा (एआई), ब्लॉकचेन और साइबर सुरक्षा जैसे भविष्य के रोजगार के क्षेत्रों में चार लाख पेशेवरों को कुशल बनाने के लिए 436 करोड़ रु पये खर्च करने की भी घोषणा की है। यदि हम चाहते हैं कि भारत नये वर्ष 2020 की शुरुआत से ही अपनी प्रतिभाओं और अपने कुशल और प्रशिक्षित श्रम बल से देश और दुनिया में आर्थिक एवं औद्योगिक विकास की नई इबारत लिखे और यदि हम चाहते हैं कि भारतीय प्रतिभाएं देश की मिट्टी को सोना बना दें, तो हमें युवाओं को नये दौर के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और कौशलयुक्त पेशेवर योग्यता से सुसज्जित करना होगा।
निश्चित रूप से ऐसा होने पर ही अगले एक दशक में भारत देश और विश्व में बड़े पैमाने पर प्रशिक्षित पेशेवर और कौशल प्रशिक्षित युवाओं के चमकीले मानव संसाधनों वाली आर्थिक शक्ति वाले देश के रूप में चमकता हुआ दिखाई देगा। ऐसा होने पर देश में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी, युवाओं के चेहरों पर मुस्कराहट आएगी तथा देश विकास की डगर पर आगे बढ़ सकेगा। यदि हम चाहते हैं कि 2020 में देश में रोजगार की नई संभावनाएं साकार हों तो कृषि विकास, निर्यात वृद्धि, पर्यटन विकास, स्वास्थ्य क्षेत्र तथा छोटे उद्योगों को अधिकतम सुविधाओं और प्रोत्साहन के साथ आगे बढ़ाया जाए ताकि इन क्षेत्रों में मौजूद बड़े पैमाने पर रोजगार के मौके देश की नई पीढ़ी की मुट्ठियों में आ सकें।
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