फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) का कहना है कि रेपो दर में 40 आधार अंक की बढ़ोतरी करने की भारतीय रिजर्व बैंक की घोषणा वाहन उद्योग पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगी।
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फाडा के अध्यक्ष विकेंश गुलाटी ने कहा कि रेपो दर में बढोतरी करने से अब वाहन ऋण महंगा हो जायेगा।
उन्होंने कहा कि अभी वाहन उद्योग गिरावट के दौर से ठीक से उबरा भी नहीं है कि आरबीआई ने यह घोषणा कर दी। यह बिल्कुल ही अप्रत्याशित घोषणा थी, जिसने एकबारगी सबको चौैंका दिया।
उन्होंने कहा कि अप्रैल 2019 की कुल खुदरा बिक्री की तुलना में अप्रैल 2022 के बिक्री के आंकडें़ अब भी छह प्रतिशत की गिरावट में हैं।
गुलाटी ने कहा कि हालांकि, यात्री वाहनों की बिक्री 12 प्रतिशत और ट्रैक्टर की बिक्री 30 प्रतिशत बढ़ी है लेकिन दोपहिया वाहन की बिक्री में 11 प्रतिशत, तिपहिया वाहन में 13 प्रतिशत तथा वाणिज्यिक वाहन में 0.5 प्रतिशत की गिरावट रही है।
उन्होंने कहा कि आरबीआई के इस कदम से सिस्टम की अधिक तरलता घटेगी और वाहन ऋण महंगा हो जायेगा।
इस घोषणा के प्रभाव को यात्री वाहन श्रेणी संभवत: झेल भी ले लेकिन दोपहिया वाहन श्रेणी पर अधिक प्रभाव रहेगा। दोपहिया वाहन श्रेणी पहले से ही कम ग्रामीण मांग, वाहन के दामों में तेजी और ईंधन की कीमतों में आये उछाल से दबाव में है।
इस पर वाहन ऋण के महंगा होने से दोपहिया वाहन की बिक्री पर दोहरी मार पड़ेगी। इससे खुदरा बिक्री प्रभावित होगी तथा रुझान में कमी आयेगी।
गुलाटी के मुताबिक रूस-यूक्रेन युद्ध और चीन के लॉकडाउन से वैश्विक वाहन बाजार में पहले से ही चिप की किल्लत, कंटेनर की कमी और धातुओं के ऊंचे दाम का दबाव है। इसी कारण यात्री वाहनों के ग्राहकों को डिलीवरी के लिये लंबा इंतजार करना पड़ता है।
उन्होंने हालांकि आगामी शादी के सीजन और अच्छे मानसून के पूर्वानुमान को वाहन उद्योग के अनुकूल बताया।
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