जुलाई में 39 प्रतिशत म्यूचुअल फंड ने बेंचमार्क को पछाड़ा : रिपोर्ट
देश में 283 ओपन-एंडेड इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीम (सेक्टरोल और थीमैटिक फंड्स को छोड़कर) में से 39 प्रतिशत ने जुलाई 2024 में अपने बेंचमार्क से अधिक रिटर्न दिया है। एक रिपोर्ट में सोमवार को यह जानकारी दी गई।
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पीएल (प्रभुदास लीलाधर) वेल्थ मैनेजमेंट की ओर से जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया कि जुलाई 2024 में इक्विटी म्यूचुअल फंड का एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (सेक्टरोल और थीमैटिक फंड्स को छोड़कर) 5.37 प्रतिशत बढ़कर 25,12,845.99 करोड़ रुपए हो गया है, जो कि जून 2024 में 23,84,727.69 करोड़ रुपए था।
रिपोर्ट के मुताबिक, वैल्यू कॉन्ट्रा डिविडेंड यील्ड कैटेगरी के फंड्स का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा है। इस कैटेगरी के 78 प्रतिशत म्यूचुअल फंड ने अपने बेंचमार्क से ज्यादा रिटर्न दिए हैं। वहीं, स्मॉलकैप का प्रदर्शन सबसे खराब रहा।
रिपोर्ट में कहा गया कि 31 लार्जकैप म्यूचुअल फंड्स स्कीम में से 18 (58 प्रतिशत) ने अपने बेंचमार्क एसएंडपी बीएसई 100 से ज्यादा रिटर्न दिया है। लार्ज एंड मिडकैप फंड कैटेगरी की 29 में से केवल 7 (24 प्रतिशत) स्कीम ही अपने बेंचमार्क निफ्टी लार्ज मिडकैप 250 को पछाड़ने में सफल हुई हैं। मल्टीकैप फंड कैटेगरी की 25 में से 10 स्कीम (40 प्रतिशत) ने अपने बेंचमार्क निफ्टी 500 मल्टीकैप 50:25:25 से ज्यादा रिटर्न दिया है।
फ्लैक्सीकैप फंड कैटेगरी की 39 में से 13 स्कीम (33 प्रतिशत) ने अपने बेंचमार्क निफ्टी 500 से अधिक रिटर्न दिया है। मिडकैप कैटेगरी की 29 में से 11 स्कीम (38 प्रतिशत) ने रिटर्न में अपने बेंचमार्क निफ्टी मिडकैप 150 को पछाड़ा है। स्मॉलकैप कैटेगरी फंड्स ने अपने निवेशकों को सबसे ज्यादा निराश किया है। 28 में से किसी भी म्यूचुअल फंड ने अपने बेंचमार्क निफ्टी स्मॉलकैप 250 इंडेक्स से ज्यादा रिटर्न नहीं दिया है।
फोकस्ड कैटेगरी के 28 में से 10 फंड्स (36 प्रतिशत) ने अपने बेंचमार्क निफ्टी 500 से अधिक रिटर्न दिया है। वैल्यू कॉन्ट्रा डिविडेंड यील्ड कैटेगरी के 32 में से 25 फंड्स (78 प्रतिशत) ने अपने बेंचमार्क निफ्टी 500 से ज्यादा रिटर्न निवेशकों को दिया है। इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम कैटेगरी के 42 में से 15 फंड्स (36 प्रतिशत) अपने बेंचमार्क निफ्टी 500 से अधिक रिटर्न देने में सफल हुए हैं।
अगर सेक्टरोल और थीमैटिक फंड्स को मिला दिया तो सभी प्रकार म्यूचुअल फंड के एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) में जुलाई में रिकॉर्ड बढ़त देखने को मिली है। यह मासिक आधार पर 6 प्रतिशत बढ़कर 64.69 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया है, जो कि जून में 60.89 लाख करोड़ रुपए पर था।
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