देश की GDP विकास दर फिर सात प्रतिशत से ऊपर पहुंचने की राह पर : RBI

Last Updated 23 Apr 2024 07:06:00 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई ने मंगलवार को कहा कि देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की विकास दर का ग्राफ कोविड-19 के पहले के समय की तरह सात प्रतिशत से ऊपर जाने के आरंभिक संकेत मिल रहे हैं।


देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी)

केंद्रीय बैंक की आज जारी मासिक बुलेटिन में कहा गया है, "मजबूत निवेश मांग और उत्साहित व्यापार तथा उपभोक्ता भावनाओं के समर्थन से भारत की वास्तविक जीडीपी विकास दर में बढ़ोतरी की प्रवृत्ति के विस्तार के लिए स्थितियां बन रही हैं।"

इसमें यह भी बताया गया है कि 2024 की पहली तिमाही में वैश्विक विकास की गति बरकरार रही है और वैश्विक व्यापार का परिदृश्य सकारात्मक हो रहा है। ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों पर प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सरकारी बॉन्डों पर ब्याज और मॉर्गेज दरें बढ़ रही हैं।

वैश्विक व्यापार पर सकारात्मक दृष्टिकोण से भारतीय निर्यात को बढ़ावा मिलने और विकास में तेजी आने की उम्मीद है।

भारत के हालिया विकास प्रदर्शन ने कई लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया है, जिससे पूर्वानुमान बढ़ाने की होड़ लग गई है। उदाहरण के लिए, आरबीआई बुलेटिन में बताया गया है कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने अप्रैल 2023 और जनवरी 2024 के बीच 2023 के लिए अपने पूर्वानुमान में कुल मिलाकर 0.80 प्रतिशत की वृद्धि की है।

नवीनतम अपडेट में, आईएमएफ को उम्मीद है कि भारत वैश्विक विकास में 16 प्रतिशत का योगदान देगा, जो बाजार विनिमय दरों के आधार पर दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा योगदान है। उसने कहा है कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और अगले एक दशक में जर्मनी तथा जापान से आगे निकलने की स्थिति में है।

आरबीआई बुलेटिन में यह भी कहा गया है कि देश की खुदरा महंगाई दर इस साल के पहले दो महीनों में औसतन 5.1 प्रतिशत रहने के बाद मार्च में 4.9 प्रतिशत हो गई है।

हालांकि, आरबीआई ने कहा है कि निकट भविष्य में चरम मौसम की घटनाओं से मुद्रास्फीति के लिए जोखिम पैदा हो सकता है। साथ ही लंबे समय तक भूराजनीतिक तनाव भी हो सकता है जो कच्चे तेल की कीमतों को अस्थिर रख सकता है।

आईएएनएस
मुंबई


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