भारत-जापान सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला भागीदारी को मंजूरी दिए जाने से रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे: PM मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जापान-भारत सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला भागीदारी के बारे में दोनों देशों के बीच सहयोग संबंधी ज्ञापन को मंजूरी दिए जाने के केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले को गुरूवार को ‘शानदार खबर’ करार दिया...
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और कहा कि इससे सेमीकंडक्टर की आपूर्ति श्रृंखला मजबूत होगी और रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे।
उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘केंद्रीय मंत्रिमंडल का यह निर्णय सेमीकंडक्टर क्षेत्र के लिए शानदार खबर है। इससे सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला मजबूत होगी और रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे।’’
This decision by the Cabinet is great news for the sector. It will strengthen the semiconductor supply chain and create job opportunities. https://t.co/EtMYvWQCmJ
— Narendra Modi (@narendramodi) October 26, 2023
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को जापान-भारत सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला भागीदारी के बारे में दोनों देशों के बीच सहयोग संबंधी ज्ञापन को मंजूरी दे दी।
उद्योग और डिजिटल प्रौद्योगिकियों को उन्नत करने में सेमीकंडक्टर के महत्व को देखते हुए इस कदम से दोनों देशों के बीच सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रंखला बढ़ाने में मदद मिलेगी।
यह सहयोग संबंधी ज्ञापन, संबंधित पक्षों के हस्ताक्षर करने की तिथि से प्रभावी होगा और पांच साल की अवधि तक लागू रहेगा।
प्रधानमंत्री ने फॉस्फेट और पोटाश उर्वरकों पर रबी मौसम 2023-24 के लिए पोषण आधारित सब्सिडी दरों को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी दिए जाने की भी सराहना की। यह इस वर्ष पहली अक्टूबर से अगले वर्ष 31 मार्च तक लागू रहेगी।
मोदी ने कहा, ‘‘केंद्रीय मंत्रिमंडल का यह फैसला किसानों को किफायती दरों पर उर्वरक तक पहुंच सुनिश्चित करेगा।’’
केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले के मुताबिक नाइट्रोजन के लिए पोषण आधारित सब्सिडी 47 रुपये दो पैसे प्रति किलोग्राम, फॉसफोरस के लिए 20 रुपये 82 पैसे प्रति किलोग्राम और पोटाश के लिए दो रुपये 38 पैसे प्रति किलोग्राम होगी।
इस सब्सिडी पर 22,303 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री ने आर्थिक मामलों पर मंत्रिमंडल की समिति (सीसीईए) की ओर से उत्तराखंड के जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम के अंतर्गत शामिल करने की स्वीकृति दिए जाने को उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की समृद्धि की दिशा में महत्वपूर्ण बताया।
उन्होंने कहा, ‘‘सीसीईए के इस निर्णय से सिंचाई व्यवस्था मजबूत होगी, जल विद्युत उत्पादन में वृद्धि होगी और 10 लाख से अधिक लोगों को पीने का स्वच्छ जल मिलेगा।’’
इस परियोजना को पूरा करने के लिए उत्तराखंड को 1,557 करोड़ रुपये से अधिक की केंद्रीय सहायता को मंजूरी दी गई है।
मालूम हो कि 2,584 करोड़ रुपये से अधिक की अनुमानित लागत वाली यह परियोजना मार्च 2028 में पूरी होगी। इस परियोजना का उद्देश्य उत्तराखंड के नैनीताल जिले में रामगंगा की सहायक नदी गोला पर जमरानी गांव के निकट बांध का निर्माण करना है।
इससे उत्तराखंड के नैनीताल और उधम सिंह जिलों तथा उत्तर प्रदेश के रामपुर और बरेली जिलों में 57 हजार, 65 हेक्टेयर भूमि पर अतिरिक्त सिंचाई हो सकेगी।
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