दुनियाभर में सिगरेट पर हो रही रोक की तैयारी!
न्यूजीलैंड सरकार तंबाकू इंडस्ट्री पर अब तक का सबसे सख्त कदम उठाने जा रही है।
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यही नहीं, दुनिया भर के कई देश तंबाकू के इस्तेमाल से पड़ने वाले दुष्प्रभाव और उसका हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर पर बढ़ता बोझ कम करने के लिए तंबाकू के उत्पादों पर प्रतिबंध बढ़ा रहे हैं। भारत में भी कई स्तरों से तंबाकू उत्पादों की बिक्री को कम करने की कोशिश की जा रही है। लेकिन इसके इतर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से तंबाकू उत्पादों से प्राप्त आमदनी पर तैयार एक रिपोर्ट यह दावा करती है कि सिगरेट कंपनियों की आय में बढ़त देखने को मिल रही है। आखिर ऐसा क्या है कि एक तरफ सरकारें तंबाकू उत्पादों के इस्तेमाल को घटाने के उपाय कर रही हैं, दूसरी तरफ कंपनियों की सेहत पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा।
भारत में भी होंगे तंबाकू उत्पादों के इस्तेमाल पर सख्त नियम : केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि भारत भी लगातार सिगरेट और तंबाकू की खपत कम करने के लिए कदम उठा रहा है। सरकार सिगरेट और तंबाकू उत्पादों पर चेतावनी का साइज बढ़ाने का काफी पहले ही फैसला कर चुकी है। इसके साथ ही सरकार तंबाकू उत्पादों पर सबसे ऊंचा टैक्स स्तर बनाए रखती है। फिलहाल तंबाकू की पत्तियों को छोड़कर बाकी सभी तंबाकू उत्पाद 28 प्रतिशत के सबसे ऊंचे टैक्स स्लैब में हैं। बीते महीने ही सरकार ने सभी तंबाकू उत्पादों पर टैक्स मामले में एक विशेषज्ञों का समूह बनाया है। जिसमें स्वास्थ्य, जीएसटी, नीति आयोग, सीबीआईसी के सदस्य शामिल होंगे। टैक्स लगाते वक्त तंबाकू उत्पादों को सिन गुड्स माना जाता है।
दुनिया भर में तंबाकू के इस्तेमाल में धीमी गिरावट : जागरूकता बढ़ने और सरकारों के कदम से तंबाकू उत्पादों के इस्तेमाल में गिरावट आने के संकेत हैं, हालांकि इसकी रफ्तार धीमी है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक तंबाकू का इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या साल 2015 में 132 करोड़ से घटकर 2020 में 130 करोड़ पर आ गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट में अनुमान किया गया है कि साल 2025 तक ये संख्या 127 करोड़ के स्तर पर आ सकती है। फिलहाल तंबाकू का इस्तेमाल करने वालों की दर सबसे अधिक संख्या दक्षिण पूर्व एशिया में है। जहां की कुल आबादी का 29 प्रतिशत हिस्सा तंबाकू का सेवन करता है। पूरी दुनिया में यह 22.5 प्रतिशत के बराबर है।
सिगरेट कंपनियों की सेहत पर असर नहीं : इस बीच आईटीसी ने जानकारी दी कि उसका सिगरेट वॉल्यूम एक बार फिर कोविड के स्तर के करीब पहुंच गया है। तिमाही के दौरान सिगरेट सेग्मेंट की आय पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 10 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़त के साथ 5642 करोड़ रु पये के स्तर पर पहुंच गया। जो कंपनी की कुल स्टैंड अलोन आय का 40 प्रतिशत से अधिक है। तिमाही के दौरान कंपनी का प्रॉफिट करीब 14 प्रतिशत की बढ़त के साथ 3700 करोड़ रु पए रहा है। आईटीसी सिगरेट कारोबार में सबसे बड़ी कंपनी है और इसका बाजार के 78 प्रतिशत हिस्से पर कब्जा है।
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