एक राष्ट्र एक मानक मिशन के तहत एसडीओ घोषित होने वाला पहला संस्थान बना आरडीएसओ

Last Updated 01 Jun 2021 09:25:50 PM IST

अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ) मंगलवार को भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) पर एक राष्ट्र एक मानक मिशन के तहत मानक विकास संगठन (एसडीओ) घोषित होने वाला पहला संस्थान बन गया।


एक राष्ट्र एक मानक मिशन के तहत SDO घोषित होने वाला पहला संस्थान बना RDSO

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सुनीत शर्मा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय रेलवे का आरडीएसओ बीआईएस पर एक राष्ट्र एक मानक (वन नेशन वन स्टैंडर्ड) मिशन के तहत एसडीओ घोषित होने वाला पहला संस्थान बन गया है, जो उपभोक्ता मामलों के विभाग के तहत संस्थान है।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार के तहत आने वाले दो संस्थानों की यह अनूठी पहल देश के शेष सभी प्रमुख अनुसंधान एवं मानक विकास संस्थानों के लिए न सिर्फ एक आदर्श स्थापित करेगी, बल्कि उन्हें विश्व स्तरीय मानकों को अपनाने के लिए भी प्रेरित करेगी।



एक बयान में, रेल मंत्रालय ने कहा, भारत सरकार की एक राष्ट्र एक मानक की परिकल्पना के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय मानक संस्थान भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने एक योजना शुरू की है, जिसके तहत किसी संस्थान को एसडीओ की मान्यता दी जाती है। इस योजना के जरिए बीआईएस का लक्ष्य, अपने विशिष्ट क्षेत्रों में मानकों के विकास के काम में लगे देश के विभिन्न संस्थानों में उपलब्ध मौजूदा क्षमताओं और विशिष्ट डोमेन में उपलब्ध सकल विशेषज्ञता को एकीकृत करना है और इस तरह देश में जारी सभी मानक विकास गतिविधियों को रूपांतरित कर 'एक विषय पर एक राष्ट्रीय मानक' तैयार करना है।

बयान में कहा गया है कि रेल मंत्रालय का एकमात्र अनुसंधान एवं विकास संगठन आरडीएसओ, लखनऊ, देश के प्रमुख मानक तय करने वाले संस्थानों मे से एक है और यह भारतीय रेल के लिए मानक तय करने का काम करता है।

बयान के अनुसार, आरडीएसओ ने बीआईएस एसडीओ मान्यता योजना के तहत एक मानक विकास संगठन (एसडीओ) के रूप में मान्यता प्राप्त करने की पहल की। इस प्रक्रिया में आरडीएसओ ने मानक निर्माण प्रक्रियाओं की समीक्षा की ताकि उन्हें मानकीकरण के सर्वोत्तम अभ्यासों के साथ पुन: संरेखित किया जा सके, इसे डब्ल्यूटीओ-टीबीटी अच्छे अभ्यास संहिता में एन्कोड किया गया और ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा एसडीओ के रूप में मान्यता के लिए आवश्यक मानदंड के रूप में अनिवार्य किया गया।

बयान में कहा गया है कि मान्यता 3 साल के लिए वैध है और वैधता अवधि पूरी होने के बाद नवीनीकरण की आवश्यकता होगी।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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