किसानों को पीएमएफबीवाई लाभ दिलाना सरकार का मकसद : मंत्रालय
सरकार कृषि क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और आगामी वित्तवर्ष के बजट में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के लिए आवंटन 305 करोड़ रुपये बढ़ाकर 16000 करोड़ रुपये किए जाने से सरकार यह प्रतिबद्धता जाहिर होती है।
किसानों को पीएमएफबीवाई लाभ दिलाना सरकार का मकसद : मंत्रालय |
यह बात केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा रविवार को एक बयान में कहा गया। मंत्रालय ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लिए सभी किसानों को पीएमएफबीवाई का लाभ दिलाना सरकार का मकसद है।
कृषि मंत्रालय ने कहा, "देशभर में किसानों की फसलों की सुरक्षा को बढ़ावा देने और किसानों तक फसल बीमा का अधिकतम लाभ सुनिश्चित करने के लिए, भारत सरकार ने वित्तवर्ष 2021-22 के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के लिए 16000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। पिछले वित्तवर्ष 2020-21 की तुलना में वित्तवर्ष 2021-22 के लिए लगभग 305 करोड़ रुपये की बजटीय वृद्धि है, जो देश में कृषि क्षेत्र के विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
यह योजना बुवाई चक्र के पूर्व से लेकर फसल की कटाई के बाद तक के लिए सुरक्षा प्रदान करती है, जिसमें सुरक्षित की गई बुवाई और फसल सत्र के मध्य में प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान के लिए सुरक्षा भी प्रदान करना शामिल है।
पांच वर्ष पहले, 13 जनवरी 2016 को भारत सरकार ने इस प्रमुख फसल बीमा योजना को मंजूरी दी थी। इस समय में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना विश्व स्तर पर किसान भागीदारी के मामले में सबसे बड़ी फसल बीमा योजना है और प्रीमियम के मामले में तीसरी सबसे बड़ी योजना है। मंत्रालय की जानकारी के अनुसार, सालाना आधार पर 5.5 करोड़ से अधिक किसानों से आवेदन प्राप्त किए जा चुके हैं।
पिछले 5 वर्षो में, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने संरचनात्मक, तार्किक और अन्य चुनौतियों का सामना करते हुए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) योजना को फिर से शुरू करने की दिशा में बड़े पैमाने पर काम किया है। इस योजना को 2020 में इसके सुधार के बाद किसानों के लिए स्वैच्छिक बनाया गया था।
मंत्रालय ने बताया कि इस योजना ने किसान को फसल बीमा ऐप, कृषक कल्याण केंद्र, सीएससी केंद्र या निकटतम कृषि अधिकारी के माध्यम से किसी भी घटना के होने के 72 घंटों के भीतर हुए फसल के नुकसान की रिपोर्ट करना और भी आसान बना दिया है। इसके बाद, नुकसान के दावा का लाभ पात्र किसान के बैंक खातों में इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रदान किया जाता है।
पीएमएफबीवाई पोर्टल के साथ भूमि रिकॉर्ड का संयोजन, किसानों के नामांकन को आसान बनाने के लिए फसल बीमा मोबाइल-ऐप का उपयोग और उपग्रह इमेजरी, रिमोट-सेंसिंग तकनीक, ड्रोन, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निग जैसी तकनीक से फसल नुकसान का आकलन करने की व्यवस्था इस योजना में शामिल किया गया है।
जानकारी के अनुसार, इस समय पीएमएफबीवाई के तहत नामांकित कुल किसानों में से, 84 फीसदी छोटे और सीमांत किसान हैं।
| Tweet |