GST: महंगी होंगी इम्पोर्टेड चीजें, सोने के लिए जीएसटी में रखी गई है विशेष दर: अधिया
राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि देश में एक जुलाई से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद आयातित सामान महंगे हो जाएंगे जिसका फायदा घरेलू कंपनियों को मिलेगा.
राजस्व सचिव हसमुख अधिया (फाइल फोटो) |
हालांकि, उन्होंने नई कर व्यवस्था से महंगाई बढ़ने की आशंका को खारिज कर दिया.
अधिया ने जीएसटी पर संवाददाताओं के लिए आयोजित एक कार्यशाला में कहा कि नई कर व्यवस्था में आयात पर सीमा शुल्क पहले की तरह बना रहेगा और साथ ही आयातित उत्पादों पर जीएसटी के स्लैब के हिसाब से भी कर लगाया जाएगा.
उन्होंने कहा कि इससे आयातित उत्पाद महंगे होंगे और घरेलू बाजार में भारतीय कंपनियां ज्यादा प्रतिस्पद्र्धी होंगी जिससे मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिलेगा. जीएसटी लागू करने वाले अन्य देशों में महंगाई बढ़ने के संदर्भ में उन्होंने कहा कि भारत में इससे मुद्रास्फीति नहीं बढ़ेगी क्योंकि यहां पहले से ही बहुस्तरीय कर प्रणाली मौजूद है.
उन्होंने कहा कि जिन देशों में जीएसटी लागू करने से महंगाई बढ़ी है वहां ऐसा एक स्तरीय कर प्रणाली से बहुस्तरीय कर पण्राली अपनाने के कारण हुआ है. देश में मूल्य वर्धित कर (वैट) लागू किए जाने के समय से ही बहुस्तरीय कर पण्राली है इसलिए इससे मुद्रास्फीति बढ़ने का खतरा नहीं है. जीएसटी में भी अनेक स्तरों पर कर संग्रह होगा, लेकिन यह एकल कर होगा.
अधिया ने कहा कि निर्यात की जाने वाली वस्तुओं के लिए जीएसटी में शून्य प्रतिशत कर होने से भारतीय निर्यातक कंपनियों को फायदा होगा. सस्ता होने से उनके उत्पाद वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पद्र्धी होंगे.
उन्होंने कहा कि निकायों को चुंगी तथा अन्य शुल्कों के रूप में मिलने वाले राजस्व का नुकसान जरूर होगा. इसकी भरपाई के लिए संभव है कि वे प्रापर्टी पर कर और जनोपयोगी सेवाओं के शुल्क बढ़ा दें.
सोने के लिए जीएसटी में रखी गई है विशेष दर
देश भर में एक जुलाई से लागू होने वाले वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) हीरे, सोने तथा अन्य कीमती धातुओं पर विशेष दरें लागू होंगी जिन पर फैसला बाद में किया जाएगा.
राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने जीएसटी पर संवाददाताओं के लिए आयोजित एक कार्यशाला में कहा कि हीरे, सोने तथा कीमती आभूषणों के लिए इस्तेमाल होने वाली अन्य धातुओं पर कर की दर जीएसटी के चार स्लैबों से अलग होंगी.
उन्होंने बताया कि यह दर दो प्रतिशत, चार प्रतिशत या छह प्रतिशत कुछ भी हो सकती है जिसके बारे में फैसला बाद में किया जाएगा. जीएसटी में कर के चार स्लैब तय किए गए हैं. पहला स्लैब पांच प्रतिशत, दूसरा 12 प्रतिशत, तीसरा 18 प्रतिशत और चौथा 28 प्रतिशत का है.
अधिया ने कहा कि हीरे और सोने पर कर विशेष दर तय की जाएगी. जीएसटी के प्रावधानों के बारे में उन्होंने कहा कि इसमें सिर्फ पांच पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है.
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