महंगाई के मुद्दे पर सोनिया ने थॉमस से की चर्चा
खाद्य वस्तुओं की बढ़ती कीमतों से चिंतित कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने खाद्य मंत्री केवी थॉमस से चर्चा की.
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संप्रग चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने शनिवार को थॉमस के साथ महंगाई पर अंकुश लगाने के उपायों पर विचार विमर्श किया. उन्होंने इसके साथ ही प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा कानून की प्रगति की भी समीक्षा की.
थामस ने प्रेट्र से कहा, ‘मैंने प्रस्तावित खाद्य विधेयक के बारे में उन्हें जानकारी दी. साथ ही मुद्रास्फीति की स्थिति से भी अवगत कराया. सोनिया गांधी ऊंची खाद्य मुद्रास्फीति को लेकर चिंतित हैं. हमने इस समस्या से निपटने के उपायों के साथ उन क्षेत्रों पर चर्चा की जहां सरकार को ध्यान देना चाहिए.’
दूध और सब्जियों के दाम बढ़ने के कारण खाद्य मुद्रास्फीति गत 15 अक्तूबर को समाप्त सप्ताह में बढ़कर 11.43 प्रतिशत हो गयी जो छह माह का उच्च स्तर है.
उन्होंने कहा, ‘मैंने उनसे (सोनिया) कहा कि अनाज के मामले में कीमत में तेजी नहीं है और भाव स्थिर है. खाद्य तेल के मामले में कीमत थोड़ी चढ़ी है क्योंकि हम इसका आयात करते हैं.’
थामस ने कहा, ‘दूध, मांस तथा सब्जियों के दाम तेजी से बढ़े हैं क्योंकि आय बढ़ने के साथ साथ लोगों के खानपान के तौर तरीकों में बदलाव आया है.’
उन्होंने कहा कि औसत खाद्य मुद्रास्फीति 2006-07 में 7 प्रतिशत के करीब थी जो 2010-11 में बढ़कर 14.5 प्रतिशत हो गयी. लेकिन, फिलहाल, यह 8 से लेकर 11 प्रतिशत के दायरे में है.
प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा कानून के मुद्दे पर थॉमस ने कहा कि उन्होंने संप्रग चेयरपर्सन से कहा कि खाद्य मंत्रालय अगले सप्ताह विधयेक के मसौदे को अंतिम रूप देना शुरू कर देगा.
उन्होंने कहा, ‘हमें राज्य सरकारों से प्रतिक्रिया मिल गयी है. कुछ बदलाव किये गये हैं. हम विधेयक को अंतिम रूप देने का काम अगले सप्ताह शुरू करेंगे.’
वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने इससे पहले राज्यों से कहा था कि वह प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा विधेयक पर अपनी प्रतिक्रियाएं जल्द से जल्द भेज दें ताकि केन्द्र विधेयक को संसद के शीतकालीन सत्र में पेश करने के लिए अंतिम रूप दे सके.
प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा विधेयक से ऐसा कानून तैयार होगा जिससे देश की करीब 70 प्रतिशत आबादी को सस्ता अनाज पाने का कानूनी अधिकार मिल जायेगा.
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