वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का 2024 का संतुलित बजट

Last Updated 24 Jul 2024 01:48:11 PM IST

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का 2024 का बजट कई मामलों में संतुलित माना जाएगा। नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में राजग सरकार के तीसरी बार सत्ता में आने के बाद यह पहला बजट है। बजट में निसंदेह मानव संसाधन विकास और बुनियादी विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है।


वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का 2024 का संतुलित बजट

 केंद्र सरकार वेतनभोगियों की उम्मीदों में वह खरी उतरीं। नई टैक्स व्यवस्था में अब स्टैंर्डड डिडक्शन पचास हजार से बढ़ाकर पिच्छत्तर हजार रुपए कर दिया। वेतनभोगियों को इनकम टैक्स में 17,500 रुपए तक की बचत होगी। वित्तमंत्री का कहना है कि इनकम टैक्स एक्ट की छह महीने में समीक्षा की जाएगी। कैपिटल गेन छूट की सीमा बढ़ा दी गई है।

महिलाओं द्वारा खरीदी गई संपत्ति पर स्टॉम्प डय़ूटी कम करने के साथ ही चुनिंदा शहरों में साप्ताहिक हाट या स्ट्रीट फूड हब डेवलप करने की योजना भी है। सौ बड़े शहरों के लिए जलापूर्ति, सीवेज उपचार व ठोस अपशिष्ट परियोजनाओं की भी घोषणा की। देश में घरेलू क्रूज का परिचालन करने वाली विदेशी शिपिंग कंपनियों के लिए सरल कर व्यवस्था दी।

सरकार ने स्पेस इकोनॉमी के लिए हजार करोड़ रुपए के वेंचर कैपिटल फंड स्थापित करने का भी प्रस्ताव रखा। सोने-चांदी पर कस्टम डय़ूटी घटाकर 6 फीसद व प्लैटनियम पर 6.5 फीसद का प्रस्ताव रखा। टीडीएस में देरी को अपराध से बाहर कर सीतारमण ने नौकरीपेशा को राहत दी है। केंद्रीय बजट में युवाओं के रोजगार के लिए 500 टॉप कंपनियों में एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप मुहैया कराने के साथ ही पांच हजार रुपए महीने स्टाइपेंड देने की भी बात की।

बजट के जरिये सियासी समीकरण दुरुस्त करने और विपक्षी धार को कुंद करने की रणनीति के तहत सरकार ने अपने अहम सहयोगी दलों जेडी (यू) व टीडीपी शासित राज्यों बिहार व आंध्र प्रदेश के लिए विशेष पैकेज दिया। हालांकि इस दिलदारी से बाकी राज्यों में सरकार के खिलाफ आवाज तेज होगी।

खैर, जैसी उम्मीदें थीं, बजट वैसा नहीं रहा। विपक्ष का आरोप है कि बजट में गरीबों व आम लोगों के लिए कुछ नहीं है। साथ ही इसे राजनीतिक पूर्वाग्रह से ग्रसित भी बताया। राहुल गांधी ने इसे कुर्सी बचाओ व कॉपी-पेस्ट बजट तक कह दिया।

यह कहना गलत नहीं होगा कि देश की अर्थव्यवस्था तेजी से स्थिर होने के बावजूद क्षेत्रीय असंतुलन गंभीर बना हुआ है। मगर तमाम चुनौतियों के बावजूद धन प्रबंधन करने में सीतारमण ने किसी को निराश नहीं होने देने की भरपूर कोशिश की है।



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