सावधानी की जरूरत

Last Updated 06 Jul 2024 12:25:20 PM IST

देश के प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चन्द्रचूड़ ने बाजार नियामक सेबी और सैट को शेयर बाजारों में उल्लेखनीय उछालों के बीच सावधानी बरतने की सलाह दी।


सावधानी की जरूरत

अधिक न्यायाधिकरण पीठों की वकालत करते हुए स्थिर नींव सुनिश्चत करने की बात भी उन्होंने बात कही। सीजेआई मुंबई में नये प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण यानी सैट परिसर का उद्घाटन भाषण कर रहे थे।

उन्होंने अधिकारियों से सैट की नई पीठें खोलने का अग्रह भी किया क्योंकि अब अधिक मात्रा में लेन-देन और नये नियमों के कारण कार्यभार बढ गया है। उनके अनुसार, शेयर बाजार में जितनी तेजी देखी जाएगी, सेबी और सैट की भूमिका उतनी ही अधिक होगी।

सेबी और सैट जैसे संस्थानों को बढ़ावा देने के पीछे उन्होंने अत्यधिक राष्ट्रीय महत्त्व बताया। प्रधान न्यायाधीश जिस वक्त यह सुझाव दे रहे थे, ऐन उसी समय बाजार में जबरदस्त तेजी देखी जा रही थी और बीएसई सेंसेक्स नये शिखर यानी अस्सी हजार को पार कर रहा था। यह अपने आपमें रिकार्ड शिखर है।

शेयर बाजार और निवेश को लेकर युवाओं में गजब का उत्साह देखने में आ रहा है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी एनएसई के अनुसार इस वर्ष जनवरी तक निवेशकों की संख्या 87 मिलियन तक पहुंच चुकी थी।

महामारी के बाद से इन नये निवेशकों के बढ़ते रुझान को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि उन्हें भ्रम है कि इससे हर स्थिति में मुनाफा होता रहेगा। भारतीय कंपनियों का मुनाफा अच्छा होने के बावजूद यह कभी भी लुढ़क सकता है।

कई बार अचानक किसी आर्थिक गड़बड़ी के चलते घरेलू बाजार अप्रत्याशित रूप से धड़ाम भी हो जाता है। वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं और वित्तीय बाजारों का भी इस पर सीधा असर होता है। शेयर बाजार में होने वाले घोटाले और हेराफेरी पर कड़ी नजर रखी जाने के बावजूद आनन-फानन भारी मुनाफा कमाने के लोभ से मुकरा नहीं जा सकता।

ऐसे में सेबी और सैट की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। खासकर छोटे निवेशकों के भरोसे को ये अप्रत्यक्ष तौर पर बढ़ाने का काम करती हैं। देश तभी आगे बढेगा, जब वह आर्थिक रूप से समृद्ध होता रहेगा और लोगों का विश्वास बढ़ता रहेगा जिसके लिए सावधानी बेहद जरूरी है।



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