NDRF जवानों के भत्ते बढ़ाने का स्वागतयोग्य निर्णय

Last Updated 02 Jul 2024 01:30:00 PM IST

केंद्र सरकार का राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) जवानों का जोखिम और कठिनाई भत्ते को बढ़ाकर 40 प्रतिशत करने का फैसला स्वागतयोग्य है।


NDRF जवानों के भत्ते बढ़ाने का स्वागतयोग्य निर्णय

एनडीआरएफ के 16 हजार जवानों के लिए वाकई खुशी की बात है। गृहम मंत्री अमित शाह ने शनिवार को यह ऐलान किया। सचमुच जोखिम या खतरे के समय इन्हीं जवानों को याद किया जाता है। आज न सिर्फ भारत में बल्कि दुनिया में कहीं भी आपदा आती है तो लोग एनडीआरएफ की तरफ देखते हैं।

एनडीआरएफ न सिर्फ  भारत का दुनिया का प्रमुख आपदा प्रबंधन बल है। कितनी भी मुश्किल परिस्थिति हो, लेकिन अगर एनडीआरएफ का जवान अपनी वर्दी में खड़ा है तो इससे मुश्किल में फंसे लोगों का हौसला कई गुना बढ़ जाता है। ऐसे कर्मियों के लिए केंद्र सरकार की यह पहल वाकई सकारात्मक है। वैसे, 2 वर्ष पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने खतरे और कठिन जगहों पर तैनान सैन्य अफसरों और कर्मियों को अतिरिक्त भत्ता देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।

इसके तहत अफसरों को 10,500 और जेसीओ व जवानों को छह हजार रुपए प्रतिमाह का जोखिम भत्ता देने का आदेश पारित किया गया था। गौर करने वाली बात है कि अर्धसैनिक बलों के जवानों के लिए यह नियम पहले से है। ऐसे नियम कर्मचारियों और अधिकारियों के मनोबल को निश्चित तौर पर संबल प्रदान करेंगे। क्योंकि काबिल लोगों को चुनौतीभरे माहौल में काम करने के लिए राज़ी करने के लिए ये चलन जरूरी है।

एनडीआरएफ जवान और अधिकारी किन प्रतिकूल हालात में अपनी डय़ूटी निभाते हैं, यह किसी से छिपा नहीं है। जान को हथेली पर रखकर काम करना हर किसी के वश की बात नहीं होती है। निश्चित तौर पर यह काम सरकार को बहुत पहले करना चाहिए था। हालांकि जोखिम के काम सिर्फ सेना के जवान या अर्धसैनिक बल के जवान ही नहीं करते हैं। अग्निशमन कर्मी, बिजली का काम करने वाले (लाइनमैन) आदि भी अपनी जान को खतरे में डालकर काम करते हैं।

उनकी हौसलाअफजाई के लिए उन्हें कुछ अतिरिक्त तो दिया ही जाना चाहिए। इन्हीं सब जवानों और कर्मचारियों की बदौलत कई लोग सुकून और सुरक्षित महसूस करते हैं। बहरहाल, देर से ही सही इस फैसले से नि:संदेह जवानों और अधिकारियों के मनोबल को मजबूती मिलेगी।
 



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