पूर्व भारतीय क्रिकेटर सलीम दुरानी का 88 साल की उम्र में निधन, PM मोदी ने जताया दुख
बेहतरीन ऑलराउंडरों में से एक सलीम दुरानी का रविवार को कैंसर से निधन हो गया। वह 88 वर्ष के थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के पूर्व क्रिकेटर के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है।
पूर्व भारतीय क्रिकेटर सलीम दुरानी (फाइल फोटो) |
अफगानिस्तान में पैदा हुए, दुरानी पश्तून मूल के थे और अपनी बल्लेबाजी और गेंदबाजी कौशल के लिए जाने जाते थे।
दुर्रानी का रविवार को निधन हो गया। क्रिकेटर का निधन गुजरात के जामनगर में हुआ। वह 88 वर्ष के थे। आक्रामक बाएं हाथ के बल्लेबाज और बाएं हाथ के स्पिनर दुर्रानी ने 29 टेस्ट खेले, जिसमें 1,202 रन बनाए और 75 विकेट लिए।
सलीम दुरानी काफी समय से वे कैंसर से पीड़ित थे।
उन्हें उस जादुई स्पेल के लिए सबसे ज्यादा याद किया जाता है जिसने भारत को 1971 में वेस्टइंडीज में पहली टेस्ट जीत दिलाने में मदद की। इस टेस्ट मैच को सुनील गावस्कर के टेस्ट डेब्यू के लिए भी याद किया जाता है।
वह दर्शकों की मांग पर भी छक्के मारने के अपने जुनून के लिए जाने जाते थे।
मोदी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, सलीम दुर्रानी जी क्रिकेट के दिग्गज थे, अपने आप में एक संस्था थे। उन्होंने क्रिकेट की दुनिया में भारत के उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान दिया। मैदान पर और बाहर, वह अपनी शैली के लिए जाने जाते थे। उनके निधन की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ। उनके परिवार और दोस्तों के प्रति संवेदना। उनकी आत्मा को शांति मिले।
प्रधान मंत्री ने कहा कि सलीम दुर्रानी जी का गुजरात के साथ बहुत पुराना और मजबूत संबंध था। वह कुछ वर्षों तक सौराष्ट्र और गुजरात के लिए खेले। उन्होंने गुजरात को अपना घर भी बनाया। मुझे उनसे बातचीत करने का अवसर मिला और मैं उनके बहुमुखी व्यक्तित्व से बहुत प्रभावित हुआ। वो हमेशा याद किए जाएंगे।
Salim Durani Ji had a very old and strong association with Gujarat. He played for Saurashtra and Gujarat for a few years. He also made Gujarat his home. I have had the opportunity to interact with him and was deeply impressed by his multifaceted persona. He will surely be missed.
— Narendra Modi (@narendramodi) April 2, 2023
मुंबई में उनके एक पारिवारिक मित्र ने उनको याद करते हुए कहा उन्हें हमेशा दर्शकों की मांग पर छक्के मारने के लिए याद किया जाएगा। उस दौर में छक्के मारना दुर्लभ था।
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