INDvsAUS: आस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत के साथ सीरीज खत्म करना चाहेगा भारत
लय हासिल कर चुकी आस्ट्रेलिया को हराना अब आसान नहीं होगा लेकिन आत्मविश्वास से ओतप्रोत भारतीय टीम रविवार को पांचवां और आखिरी वनडे जीतकर श्रृंखला 4-1 से जीतने के इरादे से उतरेगी.
फाइल फोटो |
भारतीय क्रिकेट टीम को भले ही आस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछले मैच में शिकस्त झेलनी पड़ी हो लेकिन वह सीरीज अपने नाम कर चुकी है जो सबसे बड़ी राहत की बात है और रविवार को मेजबान टीम पांचवें और आखिरी वनडे में जीत के साथ सीरीज का समापन करने के लक्ष्य के साथ उतरेगी.
भारतीय क्रिकेट टीम पिछले काफी समय से कमाल का प्रदर्शन कर रही है लेकिन बेंगलुरू में उसे आस्ट्रेलिया के हाथों मिली 21 रन की हार के कारण उसकी लगातार नौ मैच जीतने की लय टूट गयी. हालांकि कप्तान विराट कोहली इस हार से चिंतित नहीं हैं और उन्होंने साफ किया है कि टीम घरेलू और विदेशी जमीन पर जीतने में सक्षम है.
टीम इंडिया पांच मैचों की सीरीज में 3-1 से पहले ही कब्जा कर चुकी है और परिणाम के लिहा से अब मैच अहमियत नहीं रखते हैं. लेकिन मनोबल ऊंचा बनाये रखने और लय में बने रहने के लिये जरूरी है कि वह आस्ट्रेलिया से मिली पिछली हार से सबक लेते हुये पटरी पर वापसी कर ले. भारतीय टीम ने पिछले मैच में कई बदलाव किये थे जिसका उसे फायदा नहीं मिला लेकिन विराट हमेशा ही प्रयास करते हैं और उम्मीद की जा सकती है कि नागपुर में ओपनर लोकेश राहुल को मौका मिल जाये जो एकमात्र बल्लेबाज हैं जिन्हें अब तक सीरीज में खेलने का मौका नहीं मिला है.
पिछले मैच में जहां विराट ने गेंदबाजों और खासकर महंगे साबित हुये स्पिनरों का बचाव किया था वहीं माना था कि बल्लेबाजों को और बेहतर प्रदर्शन करना चाहिये था. ऐसे में राहुल को मौका मिल सकता है. वैसे भी सीरीज जीतने के बाद कप्तान के लिये बेंच पर बैठे खिलाड़यिों को मौका देना आसान हो गया है.
पिछले मैच में मोहम्मद शमी, उमेश यादव और अक्षर पटेल को अंतिम एकादश में जगह दी गयी थी जो गेंद से महंगे रहे थे. लेकिन संभव है कि विराट फिर से इन्हीं खिलाड़ियों को खुद को साबित करने का मौका दे दें.
भारतीय कप्तान ने बेंगलुरू मैच के बाद कहा था कि सीरीज जीतने के बाद अब टीम को बेंच पर बैठे अपने खिलाड़ियों को मौका देना चाहिये क्योंकि टीम के सभी खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलना चाहिये. पिछले मैच में भुवनेश्वर कुमार, जसप्रीत बुमराह और चादनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव की तिकड़ी को आराम देने के निर्णय पर भले ही उंगलियां उठी हों लेकिन विराट अपने फैसले अपने हिसाब से ही करते हैं और इस बार वह किसे मौका देते हैं यह देखना दिलचस्प होगा.
दूसरी ओर आस्ट्रेलियाई टीम विदेशी जमीन पर अपने निरंतर निराशाजनक प्रदर्शन के बाद वनडे सीरीज का समापन जीत के साथ करने के लिये उत्सुक है. पिछली जीत मेहमान टीम के लिये आत्मविश्वास बढ़ाने के लिहाज से काफी अहम रही थी और सात अक्टूबर से रांची में तीन ट्वंटी 20 मैचों की सीरीज में उतरने से पूर्व दोनों ही टीमें चाहेंगीं कि उनका मनोबल ऊंचा बना रहे.
आस्ट्रेलिया ने जहां पिछले मैच में गेंद और बल्ले से संतुलित खेल दिखाया तो वहीं टीम इंडिया के मध्यक्रम ने निराश किया और गेंदबा काफी महंगे साबित हुये. ओपनरों रोहित शर्मा और अजिंक्या रहाणे ने लगातार दूसरे मैच में शतकीय साझेदारी की तो खुद विराट, मनीष पांडे, महेंद्र सिंह धोनी उम्मीद के हिसाब से रन नहीं बना सके.
इस मैच में ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या को भी निचले क्रम से उठाकर चौथे नंबर पर बल्लेबाजी का मौका दिया गया जबकि शुरूआती मैचों में उन्होंने धोनी के साथ मिलकर निचले क्रम पर कमाल की पारियां खेलीं और दो बार मैन ऑफ द मैच भी बने. वहीं विराट पर धोनी के बजाय हार्दिक को ऊपरी क्रम में मौका देने पर भी सवाल उठे. पांड्या और केदार जाधव लेकिन इन मौकों का फायदा नहीं उठा सके वहीं धोनी को भी ज्यादा समय तक मैदान पर खेलने का मौका नहीं मिल सका.
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