महिला और पुरुष खिलाड़ियों में करें समान भागीदारी सुनिश्चित
दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्रीय खेल मंत्रालय को निर्देश दिया है कि वह राष्ट्रीय खेल महासंघों की प्रतियोगिताओं में पुरुष और महिला खिलाड़ियों की भागीदारी के मामले में समानता सुनिश्चित करे।
![]() दिल्ली हाईकोर्ट |
न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने मंत्रालय को यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि भाग लेने वाले खिलाड़ियों का समूह इतना व्यापक हो कि इसमें केवल अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ी ही नहीं, बल्कि घरेलू या स्थानीय या खेलो इंडिया खेल प्रतियोगिताओं में शामिल होने वाले खिलाड़ियों को भी उचित स्थान मिलना चाहिए।
अदालत का यह आदेश 12 मार्च को भारतीय बैडंिमटन संघ द्वारा जारी एक अधिसूचना के खिलाफ दी गई याचिका पर आया था। इस अधिसूचना में महिला खिलाड़ियों को केवल आठ स्लॉट दिए गए थे, जबकि पुरुष खिलाड़ियों को 16 स्लॉट मिले थे।
आदेश में कहा गया है, यह रिकार्ड में दर्ज है कि महिला खिलाड़ियों ने खेल क्षेत्र में देश को महत्वपूर्ण गौरव दिलाया है और यह अदालत ऐसी स्थिति को बर्दाश्त नहीं कर सकती, जहां खेल आयोजनों में पुरुष और महिला दलों के बीच संतुलन कायम न रखा जाए।
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