Paris Olympics 2024: हरमनप्रीत बोले, क्रिकेट टीम की जीत पर गर्व, अब हमारी बारी
टी-20 विश्व कप में भारतीय टीम की शानदार जीत पर भारतीय हॉकी कप्तान हरमनप्रीत सिंह (Harmanpreet Singh) को गर्व है और उनका वादा है कि पेरिस ओलंपिक (Paris Olympics 2024) में उनकी टीम भी देशवासियों को फिर इसी तरह से जश्न मनाने का मौका देगी।
![]() भारतीय हॉकी कप्तान हरमनप्रीत सिंह |
रोहित शर्मा की कप्तानी वाली भारतीय क्रिकेट टीम ने आईसीसी खिताब के लिए 11 साल का इंतजार खत्म करते हुए बारबडोस में दक्षिण अफ्रीका को हराकर टी-20 विश्व कप जीता।
इस महीने के आखिर में होने वाले पेरिस ओलंपिक (Paris Olympics 2024) की तैयारियों के लिए शिविर में व्यस्त भारतीय हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘एक खिलाड़ी होने के नाते बड़े टूर्नामेंट में जाना और अच्छा प्रदर्शन करके विश्व कप जीतना, उससे बड़ी कोई बात नहीं है। पूरा देश आपके साथ झूम रहा है। इससे बड़ी गर्व की बात क्या हो सकती है।’
बतौर कप्तान पहला लेकिन कॅरियर का तीसरा ओलंपिक (Paris Olympics 2024) खेलने जा रहे 28 वर्ष के इस ड्रैग फ्लिकर ने कहा, ‘हमारी भी यही कोशिश है कि ओलंपिक जाकर पदक जीते और स्वर्ण पदक जीतकर देशवासियों को यही खुशी फिर से दें। देश के साथ इन पलों को हम भी जियें। मेरे लिए इससे बड़ी गर्व की बात नहीं होगी।’
उन्होंने भारतीय कप्तान रोहित शर्मा की तारीफ करते हुए कहा, ‘पिछले साल वनडे विश्व कप फाइनल हारने के बाद उन्होंने टी-20 विश्व कप जीता जो बहुत बड़ी बात है।
रोहित का भी काफी लंबा सफर रहा है और उन्होंने कई उतार-चढ़ाव देखें हैं। पूरे देश को और हमें भी उन पर गर्व है।’ टोक्यो ओलंपिक में 41 साल बाद पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे हरमनप्रीत ने कहा, ‘जब टोक्यो में हमने 41 साल बाद पदक जीता तो हॉकी के लिए यह टॉनिक की तरह रहा। इस बार हमारी जिम्मेदारी बढ़ी है और सभी को पता है कि उस पदक के बाद कितना प्यार और सम्मान मिला है।’
उन्होंने कहा कि टोक्यो ओलंपिक के सफर का हर पल उन्हें आज भी याद है और ताउम्र नहीं भूलेगा।
उन्होंने कहा, ‘पदक जीतने का अहसास कभी नहीं भुलाया जा सकता। टीम में जो नए खिलाड़ी आएं हैं, हम उनके साथ अपना अनुभव बांटते हैं कि ओलंपिक पदक जीतना आसान नहीं होता।
वे भी ध्यान से सुनते हैं और पूरे जोश से मेहनत करते हैं।’ भारतीय हॉकी के ‘कैप्टन कूल’ कहे जाने वाले पंजाब के इस फुल बैक ने कहा कि इससे उन्हें सही फैसले लेने में मदद मिलती है।
उन्होंने कहा, ‘एक कप्तान के तौर पर काफी जिम्मेदारी रहती है और मैदान पर शांतचित्त रहेंगे तो ही दूसरों की मदद कर पाएंगे। मेरी भी यही कोशिश रहती है कि मैच में और अभ्यास के दौरान भी कूल रहूं और खिलाड़ियों को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए प्रेरित करूं।’
भारत के लिए 219 मैचों में 188 गोल कर चुके हरमनप्रीत ने रियो ओलंपिक (2016) में एक भी गोल नहीं किया था लेकिन टोक्यो में छह गोल किए जिसमें जर्मनी के खिलाफ कांस्य पदक के प्लेऑफ मुकाबले में बराबरी का गोल शामिल है।
ओलंपिक के अपने सफर के बारे में उन्होंने कहा, ‘मैं 2016 में जूनियर टीम में भी था और ओलंपिक खेलने का मौका मिला तो गर्व का पल था लेकिन हम ओलंपिक में अच्छा नहीं खेल सके।’
| Tweet![]() |