Canada Open 2023: लक्ष्य सेन ने जीत को ‘सर्वश्रेष्ठ वापसी’ में से एक करार दिया
कनाडा ओपन में जीत को अपने छोटे करियर की ‘सर्वश्रेष्ठ वापसी’ में से एक करार देते हुए भारत के स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन ने सोमवार को कहा कि गत ऑल इंग्लैंड चैंपियन चीन के ची शी फेंग के खिलाफ जीत उन्हें ओलंपिक क्वालीफिकेशन वर्ष में आत्मविश्वास देगी।
लक्ष्य सेन ने जीत को ‘सर्वश्रेष्ठ वापसी’ बताया |
लक्ष्य ने फाइनल में दूसरे गेम में चार गेम प्वाइंट बचाते हुए चीन के खिलाड़ी को 21-18 22-20 से हराकर बीडब्ल्यूएफ विश्व टूर खिताब के 17 महीने के इंतजार को खत्म किया।
राष्ट्रमंडल खेलों के गत चैंपियन लक्ष्य ने पीटीआई से कहा, ‘‘ओलंपिक क्वालीफिकेशन वर्ष में मुश्किल हो रही थी क्योंकि चीजें मेरे पक्ष में नहीं जा रही थी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए यह मेरे लिए अच्छे टूर्नामेंट में से एक रहा और इस तरह का फाइनल खेलना मेरे लिए सर्वश्रेष्ठ वापसी में से एक है।’’
वर्ष 2022 में शानदार प्रदर्शन के बाद लक्ष्य नाक की सर्जरी के प्रभावों से परेशान रहे और मौजूदा सत्र में काफी प्रभावी प्रदर्शन नहीं कर पाए। उन्होंने पिछले साल अगस्त में विश्व चैंपियनशिप के बाद नाक की सर्जरी कराई थी।
लक्ष्य को उबरने के लिए तीन महीने की जरूरत थी लेकिन उन्हें पूरी तरह से उबरने में आठ महीने लग गए और उनके प्रदर्शन में इसका असर दिखा। वह 2022 की अंतिम चार प्रतियोगिताओं के पहले दौर से बाहर हो गए और 2023 की शुरुआत में भी उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा।
उनकी विश्व रैंकिंग भी छह से 25 हो गई थी।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरी ट्रेनिंग अच्छी चल रही थी लेकिन सर्जरी के बाद मैं बीमार पड़ रहा था और मेरी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी ठीक नहीं थी, मुझे कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं थीं। मैं शत प्रतिशत प्रदर्शन नहीं कर पाया। मैंने ऑल इंग्लैंड के लिए अच्छी तैयारी की थी लेकिन एक बार फिर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाया।’’
विश्व चैंपियनशिप 2022 के बाद कोरियाई कोच योंग सुंग यू के चले जाने पर लक्ष्य को भी अपने आसपास कुछ बदलाव करने पड़े। उन्होंने अनूप श्रीधर को अपने साथ जोड़ा और खेल तथा व्यायाम विज्ञान विशेषज्ञ डेकलाइन लेइताओ की भी सेवाएं ले रहे हैं।
लक्ष्य ने कहा, ‘‘जब से मेरे कोरियाई कोच गए हैं तब से बहुत सारे बदलाव हुए हैं, मैंने ट्रेनिंग में अलग-अलग चीजें करने की कोशिश की है और यह सब अब मेरी मदद कर रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अनूप भैया, फिजियो और ट्रेनर के रूप में मेरे पास अच्छा सपोर्ट सिस्टम है, डेकलाइन लेइताओ के साथ काम कर रहा हूं।’’
लक्ष्य ने कहा, ‘‘इसलिए सभी के साथ तालमेल बिठाने और विमल (कुमार) सर और मेरे पिता (डीके सेन) के साथ रहने से भी मदद मिली। मुझे उम्मीद है कि मैं ओलंपिक क्वालीफिकेशन वर्ष में भी फॉर्म जारी रखूंगा, इससे मुझे बहुत आत्मविश्वास मिलेगा।’’
एचएस प्रणय दुनिया में आठवें नंबर के साथ सर्वोच्च रैंकिंग वाले भारतीय हैं जबकि लक्ष्य और किदांबी श्रीकांत क्रमशः 19वें और 20वें स्थान पर हैं।
इस तरह की जीत से एक मई से शुरू हुई ओलंपिक क्वालीफिकेशन की दौड़ में दबाव कम करने में मदद मिलेगी लेकिन लक्ष्य को पता है कि 28 अप्रैल 2024 को खत्म हो रहे ओलंपिक क्वालीफिकेशन चक्र से पहले लंबा सफर तय करना है। उन्होंने साथ ही कहा कि वह अब चोट मुक्त और बाकी बचे सत्र के लिए फिट रहना चाहते हैं।
फाइनल से पहले ली शी फेंग के खिलाफ लक्ष्य का जीत-हार का रिकॉर्ड 4-2 था।
लक्ष्य ने कहा, ‘‘वो मैच बिल्कुल अलग था, इस बार दबाव बहुत ज्यादा था। आज इस पर चीजें निर्भर करनी थी कि नेट पर कौन बेहतर नियंत्रण से खेलता है क्योंकि हम दोनों अच्छी तरह से हिट कर रहे थे और पीछे से स्कोर कर रहे थे इसलिए नेट पर तेज होना जरूरी था।’’
जनवरी में सेन के कोच की जिम्मेदारी संभालने वाले श्रीधर ने कहा कि एशियाई सर्किट में उनके शिष्य के लिए चीजें बदलना शुरू हो चुकी हैं।
पूर्व ओलंपियन श्रीधर ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि एशिया में चार टूर्नामेंट सर्किट निर्णायक मोड़ था। वह अच्छा खेल रहा था और उसने थाईलैंड में सेमीफाइनल में जगह बनाई। कुनलावुत वितिदसर्न के खिलाफ करीबी मैच खेला और वह लगातार मजबूत होता गया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लक्ष्य की मानसिक स्थिति और स्वभाव इस सप्ताह उत्कृष्ट रहा है। उसका शॉट चयन अच्छा रहा है और उसने कई विविधताओं का उपयोग किया है लेकिन मुख्य बात यह है कि वह मानसिक और शारीरिक रूप से फिट है और उसकी बेहतर फिटनेस दिखाई दे रही है।’’
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