रूस के टोक्यो ओलंपिक और फुटबॉल वर्ल्ड कप में हिस्सा लेने पर प्रतिबंध
डोपिंग स्कैंडल से जूझ रहे रुस के खिलाड़ी जुलाई/अगस्त 2021 में होने वाले टोक्यो ओलंपिक में अपने देश के राष्ट्र ध्वज और राष्ट्रगान के तले हिस्सा नहीं ले पाएंगे।
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लुसाने स्थित खेल मध्यस्ता अदालत (सीएएस) ने डोपिंग मामलों को लेकर रुस पर दिसंबर 2019 में लगा चार साल का प्रतिबंध हटाकर दो साल कर दिया है और रुसी खिलाड़ी अगले दो वर्षों में टोक्यो ओलंपिक, फीफा विश्वकप फुटबॉल और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में अपने देश के ध्वज और राष्ट्रगान के तले हिस्सा नहीं ले पाएंगे।
सीएएस ने बताया कि रुस 16 दिसंबर 2022 तक किसी भी बड़े खेलों की मेजबानी नहीं कर पाएगा। इसके अलावा ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप जैसे बड़े टूर्नामेंटों में दो साल तक रुसी सरकार के अधिकारियों और प्रतिनिधियों के शामिल होने पर भी प्रतिबंध रहेगा।
प्रतिबंध के बाद रुस का कोई भी व्यक्ति किसी भी संगठन के समिति या बोर्ड सदस्य पर नियुक्त नहीं किया जा सकता है। इस बीच रुस के खेल मंत्री ओलेग मैटिटसिन ने कहा कि रुसी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाना गलत है।
विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) ने रुस पर फर्जी सबूत पेश करने और पॉजिटिव डोपिंग टेस्ट की फाइलें डिलीट करने का आरोप लगाया था। लेकिन रुस के अधिकारियों ने कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि सीएएस देश के हित को देखते हुए फैसला लेगा। उन्होंने कहा कि डाटा का डिलीट होना तकनीकी गड़बड़ी थी और इससे छेड़छाड़ नहीं की गयी थी।
रुस डोपिंग रोधी एजेंसी ने कहा कि वह इस फैसले से पूरी तरह संतुष्ट नहीं है लेकिन एजेंसी के कार्यकारी प्रमुख ने बाद में फैसले को रुस की जीत बताया। उन्होंने कहा, ‘‘सीएएस ने सही एथलीटों के ओलंपिक और पैरालम्पिक खेलों तथा वि चैंपियनशिप में शामिल होने पर प्रतिबंध नहीं लगाया है।’’
वाडा के अध्यक्ष विटोल्ड बांका ने कहा कि एजेंसी को निराशा हुई कि अदालत ने उसकी सभी सिफारिशों का समर्थन नहीं किया।
इस बीच अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने कहा कि वह इस फैसले को ध्यानपूर्व देखेगा कि इसका अगले ओलंपिक खेलों में क्या प्रभाव पड़ेगा और सीएएस के फैसले को किस तरह लागू किया जाए इस पर अंतरराष्ट्रीय महासंघों और अंतरराष्ट्रीय पैरालम्पिक समिति से चर्चा करेगा।
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