चमोली : ग्लेशियर टूटा, भारी तबाही, ऋषि गंगा व विष्णुगाड़ जल विद्युत परियोजनाएं ध्वस्त, 211 लापता, 10 शव बरामद

Last Updated 08 Feb 2021 01:05:11 AM IST

उत्तराखंड के चमोली जिले में भारत-तिब्बत सीमा क्षेत्र स्थित नंदा देवी पर्वत से ग्लेशियर टूटने पर रैणी व तपोवन में भारी तबाही मच गई।


चमोली में तपोवन सुरंग में बचाव कार्य में जुटे आईटीबीपी के जवान।

अचानक आई बाढ़ से ऋषि गंगा हाइड्रो प्रोजेक्ट रैणी और तपोवन-विष्णुगाड़ जल विद्युत परियोजनाएं ध्वस्त हो गई। बाढ़ में ऋषि गंगा हाइड्रो प्रोजेक्ट में काम कर रहे 40 और तपोवन-विष्णुगाड़ परियोजना के बैराज व टनल में काम कर रहे 171 लोगों के लापता हो गए। नीती घाटी में कुल 211 लोग लापता बताए जा रहे हैं। समाचार लिखे जाने तक 10 शव बरामद किए जा चुके थे।
ग्लेशियर टूटने की सूचना मिलते ही चमोली से हरिद्वार तक हाई अलर्ट रहा। किसी भी खतरे की आशंका के मद्देनजर गंगा किनारे बने घाटों और बस्तियों को खाली करा दिया गया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत देहरादून से मौका मुआयना करने पहुंचे और उन्होंने जिला प्रशासन को तत्काल राहत कार्य में जुटने के निर्देश दिए।  प्रत्यक्ष दर्शियों ने बताया कि आज प्रात: 9.45 बजे चिपको आंदोलन की धरती रैणी में ऋषि गंगा के मुहाने की ओर से जोरदार आवाज हुई। देखते ही देखते पानी के साथ टनों मलबा बहने लगा।

रैणी गांव के शीर्ष पर नंदा देवी की तलहटी में ग्लेशियर फटने से मलबे ने रैणी से लेकर तपोवन तक तबाही मचाई। रैणी में ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट पूरी तरह तबाह हो गया है जबकि तपोवन में तपोवन-विष्णुगाड़ विद्युत परियोजना के बैराज साइट को ग्लेशियर टूटने से आई बाढ़ ने मलबे में तब्दील कर दिया। रैणी में पानी के तेज वेग से भारत-तिब्बत सीमा क्षेत्र को जोड़ने वाले जोशीमठ-मलारी हाईवे पर बना रैणी पुल ध्वस्त हो गया। प्रशासन ने अलर्ट घोषित कर अलकनंदा नदी के तटवर्ती इलाकों को खाली कराना शुरू कर दिया। हालांकि पानी के जोशीमठ पहुंचने तक बहाव कुछ कम हो गया। केंद्र सरकार ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तत्काल एनडीआरएफ की एक टीम को मौके के लिए रवाना कर दिया है। इसके साथ ही आपदा में मारे गए लोगों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2-2 लाख रुपए देने का ऐलान किया गया।

टनल से सभी 35 लोगों को सुरक्षित निकाला गया
राहत कार्यों में जुटी आईटीबीपी के पीआरओ विवेक कुमार पांडे ने बताया कि टनल में फंसे सभी 35 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। अब तक 10 शव निकाल लिए गए हैं। टनल में फंसे लोगों से मोबाइल से संपर्क किया गया। अच्छी यह बात रही कि सामने मिट्टी आ जाने से टनल में पानी नहीं जा पाया, जिससे सभी लोगों की जान बच गई। लेकिन अभी एक दो और टनलों में कुछ और लोग फंसे हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि अंधेरे और ठंड के कारण राहत कार्यों में कुछ मुश्किलों का सामना है, लेकिन हमारे जवान हर प्रकार की परिस्थितियों में काम करने के माहिर हैं।

हेल्पलाइन नंबर- 1070, 9557444486


 

सहारा न्यूज ब्यूरो/रजपाल बिष्ट
जोशीमठ/नई दिल्ली


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