UPPSC: छात्रों की मांगे माने जाने के बाद भी प्रयागराज में धीमा आंदोलन जारी, जानें वजह
प्रदर्शनकारी छात्रों की मांग स्वीकार करते हुए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने अब पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2024 एक ही दिन में आयोजित करने का फैसला किया है। आयोग के झुकने के बाद भी कुछ प्रतियोगी छात्रों का धरना प्रदर्शन और आंदोलन जारी है।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बुधवार को प्रयागराज में छात्रों के विरोध-प्रदर्शन का संज्ञान लेने के एक दिन बाद आयोग का यह निर्णय आया है।
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने बताया कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग अब यूपी पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा एक दिन में कराएगा। इसके अलावा, आरओ/एआरओ (प्री.) परीक्षा-2023 के लिए आयोग द्वारा एक समिति गठित की गई है। समिति को सभी पहलुओं पर विस्तृत जांच रिपोर्ट जल्द तैयार करने का निर्देश दिया गया है। यूपीपीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा अब पुराने पैटर्न के आधार पर ही होगी।
प्रांतीय सिविल सेवा (पीसीएस) की प्रारंभिक परीक्षा एक ही दिन कराने के उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के निर्णय के बाद आयोग के कार्यालय के सामने जारी छात्र आंदोलन शुक्रवार को धीमा पड़ता नजर आया।
छात्र शिव कुमार मौर्य ने बताया कि छात्र प्रदर्शनकारियों की संख्या कल तक 10,000 से अधिक थी लेकिन शुक्रवार सुबह यह कम होकर सैकड़ों में रह गई तथा प्रदर्शनकारी छात्रों की संख्या कम होने के बाद आयोग के सामने की एक सड़क लोगों के आवागमन के लिए खोल दी गई।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने अभ्यर्थियों की मांगों को स्वीकार करते हुए बृहस्पतिवार को समीक्षा अधिकारी (आरओ) और सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) परीक्षा स्थगित कर दी और प्रांतीय सिविल सेवा (पीसीएस) प्रारंभिक परीक्षा को पुराने पैटर्न पर आयोजित करने की घोषणा की।
पीसीएस की तैयारी कर रहे छात्र गणेश द्विवेदी ने कहा कि सरकार ने पीसीएस की परीक्षा एक दिन में कराने का बहुत अच्छा निर्णय किया है जिससे पीसीएस की परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों में बहुत खुशी है।
वहीं एक अन्य छात्र मयंक जैन ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सरकार RO/ARO की परीक्षा पर भी जल्द निर्णय करेगी और इसी मांग को लेकर छात्र धरने पर बैठे हैं क्योंकि यदि इस आंदोलन के दौरान इस पर निर्णय नहीं लिया गया तो यह ठंडे बस्ते में चला जाएगा।
छात्र दीपक सिंह ने कहा कि यह फैसला (PCS परीक्षा एक दिन में कराने का) सही समय पर लिया गया है और इस निर्णय से छात्रों का भविष्य सुरक्षित होगा एवं वे निश्चिंतता से परीक्षा की तैयारी कर सकेंगे।
इसी तरह, एक अन्य छात्र देवेंद्र प्रजापति ने कहा, "हमें मुख्यमंत्री पर पूरा भरोसा है कि वह आयोग को RO/ARO पर भी जल्द निर्णय करने का निर्देश देंगे जिससे इस परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र निश्चिंतता के साथ तैयारी कर सकेंगे।’’
उल्लेखनीय है कि आम तौर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा दो चरणों में होती है। पहला प्रीलिम्स और दूसरा मेंस। पहले यह परीक्षा चार शिफ्ट में 7 और 8 दिसंबर को होने थे। लेकिन, अब यही परीक्षा एक ही दिन में दो शिफ्ट में होगी।
छात्र कई शिफ्ट में परीक्षा कराने का विरोध कर रहे थे। अभ्यर्थियों ने कहा कि अलग-अलग शिफ्ट में अलग-अलग परीक्षाएं कराई जाएंगी। छात्रों ने आशंका जाहिर की थी कि किसी शिफ्ट में आसान प्रश्न आ सकते हैं, तो किसी में मुश्किल भी। ऐसी स्थिति में अगर एक दिवसीय परीक्षा की व्यवस्था रहे, तो यह ज्यादा बेहतर रहेगा। छात्रों ने कहा था कि इससे उनके बीच किसी भी प्रकार की दुविधा की स्थिति पैदा नहीं होगी।
इसके अलावा, छात्रों ने नॉर्मलाइजेशन पर भी आपत्ति जताई थी। प्रदर्शनकारी छात्रों ने आशंका जाहिर की थी कि नॉर्मलाइजेशन से उन्हें व्यापक स्तर पर नुकसान होगा। इससे जिस शिफ्ट में ज्यादा छात्र होंगे, उन्हें परीक्षा में ज्यादा अंक मिलने की संभावना प्रबल हो जाएगी और जिसमें कम होगी, उसमें उन्हें कम अंक मिलेंगे। इसी को ध्यान में रखते हुए छात्र एक दिन में परीक्षा आयोजित कराने की मांग कर रहे थे।
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