प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि काशी केवल हमारी आस्था का तीर्थ ही नहीं है, ये भारत की शाश्वत चेतना का जाग्रत केंद्र है।
|
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में काशी सांसद संस्कृत प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने जितने भी नए विचार दिये, नए विज्ञान दिये, उनका संबंध किसी न किसी सांस्कृतिक केंद्र से है। काशी का उदाहरण हमारे सामने है। उन्होंने कहा कि काशी केवल हमारी आस्था का तीर्थ ही नहीं, बल्कि ये भारत की शाश्वत चेतना का जाग्रत केंद्र है। पीएम मोदी ने कहा कि हम सब तो निमित्त मात्र हैं। काशी में तो सब कुछ करने वाले महादेव और उनके गण हैं।
उन्होंने भोजपुरी में कहा, जहां महादेव के कृपा हो जाला, ऊ धरती अपने आप समृद्ध हो जाली। पीएम ने कहा कि आज एक बार फिर काशी के हमरे परिवार के लोगन के लिए करोड़ो रुपए क योजना का लोकार्पण होत हौ। होली औऱ रंगभरी एकादशी से पहले विकास के एक और उत्सव होवे जात हौ।
पीएम मोदी ने कहा काशी विश्वास दिलाता है कि अमृतकाल में आप सभी युवा देश को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। काशी तो सर्वविद्या की राजधानी है। काशी का स्वरूप आज फिर से संवर रहा है, यह पूरे विश्व के लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि आज प्रतिभागियों के विजेताओं को सम्मानित करने का अवसर मिला। सभी सफल प्रतिभागियों और उनके परिवार को बधाई देता हूं। जो युवा कुछ नंबर से पीछे रह गए, मैं उनका अभिनंदन कर रहा हूं। आप काशी के ज्ञान प्रतियोगिता में शामिल हुए, यह बड़ा गौरव है।
उन्होंने कहा कि एक समय था, जब भारत की समृद्धि गाथा पूरे विश्व में कही जाती थी। इसके पीछे केवल भारत की आर्थिक ताकत ही नहीं थी। इसके पीछे हमारी सांस्कृतिक, सामाजिक और आध्यात्मिक समृद्धि भी थी।
पीएम मोदी ने कहा कि काशी शिव की नगरी है ,यह बुद्ध के उपदेशों की भूमि है। काशी जैन तीर्थकारों की जन्मस्थली भी है और आदि शंकराचार्य को भी यहां से बोध मिला था। पूरे देश के कोने-कोने से ज्ञान, शोध और शांति की तलाश में लोग काशी आते हैं।
उहोंने कहा कि हर प्रांत, भाषा, बोली और हर रिवाज के लोग काशी आकर बसे हैं। जिस स्थान पर ऐसी विविधता होती है, वहां नए विचारों का जन्म होता है।
| | |
|